by Kumar Gaurav | Apr 17, 2019 | Uncategorized
बेहद आकुल व्याकुल बैठे उन, बेबस शान्त नितान्त अनेक मन | मन ही मन विस्मित हो हो कर , वह रह जाते मन मसोसकर || हे ! इन्द्रदेव हे ! वरुणदयामय, करो दया इन आर्त जनों पर | असमय बारिस और हवा से, दुस्प्रभाव पड़ता फसलों पर || ~ कुमार...
by Kumar Gaurav | Apr 6, 2019 | Uncategorized
सुगम है नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, यह वर्षारंभ है मन के मांगल्य का उत्सव पंक्षी भी हैं करते पेड़ों पर कलरव मंद सुगंधित हवा बह रही, वृक्षों पर नव पल्लव चमके, भ्रमर गुंजित मधुकर गुंजित | कोयल मंजरियों पर कुहके शक्ति उपासना मन में पुलकित || ~कुमार...
by Kumar Gaurav | Mar 21, 2019 | Uncategorized
मन में उमंग और तन में तरंग है, देह पर नेह और हर्ष संग संग है | होली पर रोली और बोली का ही रंग है, बाजत है बाजने ढोल और मृदंग है || ~कुमार...
by Kumar Gaurav | Mar 8, 2019 | Uncategorized
प्रकृति, शक्ति, ममता, क्षमा दया, तपस्या, आराधना कितने कितने रूप हैं बहन, मित्र और मां ~कुमार...
by Kumar Gaurav | Feb 22, 2019 | Uncategorized
सात दिनों तक देश के एकजुटता का द्योतक सत्ता पक्ष विपक्ष का खत्म हुआ अब सूतक खत्म हुआ अब सूतक आरोप हैं रहे लगाये भला हांथ का साथ देश कहां कब तक पाये कह पंक्षी कविराय कहां तक दुश्मन पाये मात लाभ हानि के फेर में जब टिके न दिन भी सात || ~कुमार...