राम चरन भाग तिहत्तर

राम चरन भाग तिहत्तर

ढोलू एनक्लेव के एक नंबर बंगले के सामने कार रुकी थी। कार के सामने जो व्यक्ति खड़ा था उसे देख कर पंडित कमल किशोर दंग रह गए थे। “प्रहलाद तुम ..?” पंडित कमल किशोर ने उस व्यक्ति को गहक कर बांहों में भर लिया था। “आज – यहां .. इतने दिनों बाद ..”...
राम चरन भाग तिहत्तर

राम चरन भाग बहत्तर

बरसात के मौसम में जब मेहरौली भीग कर खड़ी हो जाती है तो मोर नाच-नाच कर उसका उत्साह दोगुना कर देते हैं। दर्शकों की बहुरंगी भीड़ को बैठने तक की जगह नहीं मिलती। स्टूडेंट से लेकर जाने-माने स्कौलर तक यहां हाजिरी लगाते हैं। सुंदरी का मन बहलाने के लिए राम चरन उसे ले कर इस मन...
राम चरन भाग तिहत्तर

राम चरन भाग इकहत्तर

“प्रणाम पंडित जी!” राम चरन ने पंडित कमल किशोर के पैर छू कर प्रणाम किया था। पंडित कमल किशोर ने आंख उठा कर राम चरन को गौर से देखा था। कितना भला मानुष था – राम चरन, पंडित जी सोचते रहे थे। वो राम चरन के किए उपकार भूले न थे। और जो बंगला राम चरन ने उन्हें...