राम चरन भाग इक्यासी

राम चरन भाग इक्यासी

सब कुछ वही था। द्वीप के चारों ओर समुंदर के विस्तार बिखरे थे। सघन वन से आच्छादित द्वीप दुलहन जैसा लग रहा था। सतरंगी रोशनी ने हर दिशा को सजा दिया था। आसमान पर आज नए सितारे चमक रहे थे। नया उल्लास था, नई उमंगें थीं और इस्लाम का परचम पूरे विश्व पर फहरा रहा था। मुनीर खान...
राम चरन भाग इक्यासी

राम चरन भाग अस्सी

चिराग ऑडीटोरियम आगंतुकों से खचाखच भरा था। प्रशांत खामोशी थी। वही आवाज लौटी थी। “केवल और केवल कोरे कागज पर ही लिखी जा सकती है कोई इबारत! कच्ची उम्र में ही हम इन्हें अपने उसूल समझा सकते हैं। एक बार पच्चीस पार होने पर आदमी अच्छा बुरा पहचानने लगता है। उसके लिए अलग...
राम चरन भाग इक्यासी

राम चरन भाग उनासी

वॉर रूम इंडिया को उन तीनों ने नई निगाहों से देखा था। इस तरह के वॉर रूम हर उस देश के नाम पर बने थे जहां इस्लाम का कब्जा नहीं था। वॉर रूम एक विशालकाय कक्ष था जहां हर तरह की खबरें, वीडियो, मैगजीन, अखबार और गुप्त सामग्री उपलब्ध थी। वॉर रूम में चार आदमी ड्यूटी पर थे जो कुछ...