by Major Krapal Verma | Oct 1, 2021 | सॉरी बाबू
“हम शादी कब करेंगे बाबू?” नेहा ने बेहद मीठी आवाज में विक्रांत से एक ऐसा प्रश्न पूछा था जिसने उसका सारा सोच विमोच छिन्न भिन्न कर डाला था। नेहा को समग्र रूप से पाने की विक्रांत की अमर अभिलाषा उसके गले से आकर लिपट गई थी, उसे मनाने लगी थी, उस रिझाने लगी थी औ...
by Major Krapal Verma | Sep 30, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“ये तो बाबर से भी बड़ा शैतान है!” लोगों में चर्चा चल पड़ी थी। “चुन चुन कर काटा है राजपूतों को! औरतों और बच्चों को भी नहीं बख्शा!” लोग बतिया रहे थे। “ये तो हिन्दुओं का सबसे बड़ा जानी दुश्मन है।” लोग मान बैठे थे। “ये पंडित हेम...
by Major Krapal Verma | Sep 29, 2021 | जंगल में दंगल
जंगलाधीश हुंकार भर रहा था। दहाड़ रहा था। पूरे जंगल का उसने कलेजा कंपा दिया था। सुंदरी के साथ होती शादी और होने वाला राज्याभिषेक अब उसे चली किसी चाल जैसे लग रहे थे। आज वह दूध का दूध और पानी का पानी कर देना चाहता था। जो होना हो शीघ्र हो। ये विलम्ब कैसा? अड़चन कौन सी थी?...