स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

“नहीं मुक्ति यों सारी प्रशंसा मुझ पर मत थोपो!” सोफी तनिक लजा गई है। “और एक नया काम भी इन्होंने किया है!” मुक्ति हर सूचना एक वफादार नौकर की तरह मुझे पकड़ा देना चाहता है। “वो क्या?” मैंने उत्सुकता से पूछा है। “स्कूल की...
स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

स्नेह यात्रा भाग दस खंड सत्रह

“क्या तुम्हें पता चल गया था .. कि ..?” “नहीं! मैं तो तुम्हारे पास आई थी!” “कोई नया पाठ पढ़ाने?” मैंने व्यंग किया है। मैं और सोफी तनिक सहमी सी हंसी से भर गए हैं। मेरा व्यंग उसे बुरा नहीं लगा है और यों छोड़े तीर को सोफी के प्रसारों...
स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

स्नेह यात्रा भाग दस खंड सोलह

“ऐ .. दे दे जल्दी उपदेश – विश्व कल्याण! हाहाहा माई ब्लाडी फुट!” मैं तनिक रुका हूँ। परछाई अब भी अवाक खड़ी है। मुझे उम्मीद थी कि अब वो बोलेगी पर उसकी जुबान से एक भी शब्द नहीं टूटा है। श्वास के उच्छवास में मिली आतुरता मुझे जगा नहीं पा रही है। हवा से...
स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

स्नेह यात्रा भाग दस खंड पंद्रह

सुनहरी बालों वाली को हंसते देख मेरा हंसी का सूखा स्रोत एक दम हरा हो गया है और पता नहीं कैसे अट्टहास की हंसी – जिसे मैं अब तक भूल ही गया था, मेरे अंदर से अनवरत फूट चली है। “हाहाहा! हाहाहा! जिंदगी .. ओह जिंदगी .. लव – अच्छा-अच्छा बोल तेरा नाम क्या है...
स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

स्नेह यात्रा भाग दस खंड चौदह

पूरा कलंगूट बीच देश विदेशों से आए हिप्पियों, विद्यार्थियों और भिन्न-भिन्न धर्म और समाज सुधारकों से भरा है। लगता है मेरे बीच के गुजरे समय में प्रदीप ने इस संस्था को और आगे बढ़ाया है। प्रदीप का सुघड़ चेहरा सामने उभरने लगता है। “पिटकर आए हो?” जैसे वह मुझसे...
स्नेह यात्रा भाग दस खंड अठारह

स्नेह यात्रा भाग दस खंड तेरह

“ऐ! तेरी सगाई हो गई!” मैंने ही वैशाली को अंदर जाकर सूचना सुनाई है। “चुप! यों चिल्लाओगे तो ..?” “सच! लड़का कोई डॉक्टर है। तुम दोनों की खूब पटेगी!” वैशाली को मैंने किसी अपूर्व खुशी से भरते देखा है। पल भर के लिए वो आचार्य, मढ़ी और भारत...