मैं आसमान पर उगे भोर के तारे को देख रहा हूँ !

मैं आसमान पर उगे भोर के तारे को देख रहा हूँ !

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी. उपन्यास – अंश :- कुल मिला कर कांग्रेस का खूब बैण्ड बजा है , मित्रो ! कुल ४४ सीटें मिलीं हैं . इन की कभी इतनी शर्मनाक हार नहीं हुई …? पटनायक बच गए . ममता की भी इज्जत बच गई . लेकिन जय ललिता की...
कोई चायवाला नहीं -ये चोर है !

कोई चायवाला नहीं -ये चोर है !

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश :- ‘नमो’ का मंत्र पूरे देश में गूँज उठा था ! मीडिया,टी वी ,अखबार और पत्रिकाएँ -नरेन्द्र मोदी के नाम,काम …और सौहरत सम्मान का गुण न्गान कर रहे थे ! पूरे भारत को मैंने अब तक...
और अब वक्त का चेहरा -केसरिया था !!

और अब वक्त का चेहरा -केसरिया था !!

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा-नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश:- “भाई जी ! शिवराज सिंह चौहान – सी एम् मध्यप्रदेश ….विरोध में खड़े हो गए हैं ?” मुझे सूचना मिल रही है . “कहते हैं -चाहे जो हो ….पर मोदी नहीं...
कुर्बानियाँ तो देश-भक्तों का गहना हैं ! दो न कुर्बानियाँ ?

कुर्बानियाँ तो देश-भक्तों का गहना हैं ! दो न कुर्बानियाँ ?

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा- नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश :- मैंने पूजा-अर्चना कर ली थी ! मैंने अपने इष्ट को भी मना लिया था !! फिर मैंने दादा जी को याद किया था ….और गुरु जी को, प्रणाम किया था ! और हाँ, अपनी माँ और माँ-भारती से आशीर्वाद...
ये देश -प्रेम ही तो मेरा प्राण है ?

ये देश -प्रेम ही तो मेरा प्राण है ?

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा- नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश:- देख रहे हैं,आप …? कैसा जुल्म है …कैसा अत्याचार है …और कैसा अमंगल है …जो इस प्रश्न के साथ जुड़ा है …? दो-धारी तलवार है – ये प्रश्न ….! क्या उत्तर...
पित्र -पुरुष अडवानी जी नहीं चाहते आप का नाम पी एम् के लिए जाए ! क्यों ??

पित्र -पुरुष अडवानी जी नहीं चाहते आप का नाम पी एम् के लिए जाए ! क्यों ??

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश :- आज की सुबह बहुत ही सुंदर ….सुखद और ….ग्राह्य लग रही है ! मेरा सपना साकार होने को है -और मैं उस के बहुत करीब आ कर खड़ा हो गया हूँ ! मुग्ध भाव से -संसार के आँगन में बिखर गई सुबह...