“ऊपर वाला जब भी देगा देगा छप्पर फाड़ कर”

ऊपर वाला जब भी देगा देगा छप्पर फाड़ कर दुनिया में है तुमको भेजा देगा छप्पर फाड़ कर अच्छे काम सदा तुम करना बुरे काम से करना तौबा सच्चाई की ताकत रखना जीवनभर है उस पर चलना मानवता की सेवा करना मानवता के लिये लड़ना मानवता से बढ़कर कोई काम नहीं इस दुनिया में पथरीली राहों पर...

कितने प्यारे हैं ये पेड़

कितने प्यारे हैं ये पेड़ सब के मन को भाते हैं परोपकार की भावना इनमें सब को छाया देते हैं जब इनमें लगते हैं फल सबका जी ललचाता है नहीं पुछते कभी ये हमसे क्यों मेरे फल खाते हो ? सबको देते हैं शुद्ध हवा तन को स्वस्थ बना देता है जब चलती है ठंडी हवा सबको राहत मिलती है पेड़ों...

स्वच्छ भारत बनाना है

स्वच्छ भारत बनाना है बापू का सपना अब पूरा कर जाना है स्वच्छता की अलख हमें सब में जलाना है प्रधान सेवक ने यह ठाना है स्वच्छ भारत बनाना है नई इबारत गढ़ने को अब हम तैयार है इधर – उधर ना फेकेंगे अब आदत ये बदलेंगे कूड़ेदान का करेंगे प्रयोग कचरा नहीं फैलायेंगे ज़िससे...