महागठबंधन, हास्य कविता

**महागठबंधन**      साइकिल चली है हाथी को घुमाने हाथ चला है हासुये को बढ़ाने मोदी जी को हराने महागठबंधन बनाने। झाड़ू का अता पता नही तीन फूल के आगे कोई टिका नही लालटेन आ रहा अंधेरा हटाने मोदी जी को हराने महागठबंधन बनाने। कंघी सम्हाल रहा तीर धनुष किसान...

मन -हिंदी कविता

आप दुखी इसीलिये है क्यूंकि मन मे आपका निवास है, आप मन की सुन नही पा रहे ,उस ओर चल नही पा रहे,पर हमेसा मन की गलती हो जरूरी नही, शायद मन आपको समझता हो, आपकी मदद करता हो ,आपको अपनाता हो, मन के अच्छे कामो के लिये एक छोटी सी कविता मन के ऊपर, एक गिलहरी प्रयास मेरे...