by Ankit Bajpai | Jan 18, 2019 | Uncategorized
मुझे ऐसे शहर में घर नही चाहिए सिलवटों में चादरों की बिक जाए प्यार जहाँ, मुझे ऐसे शहर में घर नहीं चाहिए| स्पर्शों में हवस हो सम्मान की ना हो जगह, मुझे ऐसे शहर में घर नहीं चाहिए| गूंजती रहीं हों जहाँ सिसकियाँ सन्नाटों में, फंस गयी हों हिचकियाँ शोरगुल के काँटों में,...