महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा !
भोर का तारा – नरेन्द्र मोदी .
उपन्यास -अंश :-
“कुत्ता तो पागल हो गया,अमित !” नरेन्द्र मोदी फोन पर बातें कर रहे थे . “दिल्ली से बड़ी-बड़ी भ्रामक सूचनाएं मिल रही हैं !” वह बता रहे थे .
“अच्छा है, भाई जी !” अमित चहका था . “अब इसे मारने में आसानी होगी !” अमित शाह अब सहज था . “इन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि …बेल मिल जाएगी …?” अमित ने अपनी राय दी थी .
“बादल फिर से घिर आए हैं !” मोदी बता रहे थे . “सी बी आई को झटका जो लगा है ? बात तो आगे तक जाएगी ….” उन का अनुमान था .
“मैं अब नहीं डरता , भाई जी !” अमित का दो टूक उत्तर था . “आप गुजरात को संभालें …….मैं इन को संभाल लूँगा …!” उस की आवाज़ बुलंद थी . “मैं तो घुस पड़ा ….इन में …..”
“कर क्या रहे हो ….?”
“लोग आए हैं ,मिलने ! घर पर खूब रौनक है . बधाईयाँ आ रही हैं . लोग दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं …? प्रसन्नता की ये लहर ….अगर आप देख लेते …तो गद -गद हो जाते, भाई जी !! लोगों का ये प्यार ही तो मुझे जिन्दा रखता है , भाई जी ….?”
“मनाते हैं,दिवाली ! लेकिन …..”
“मैं खबरदार हूँ,भाई जी !”
अमित शाह लोगों के बीच लौट आए थे ….!!!!
“हमें उम्मीद ही नहीं थी,भाई जी कि ….आप को बेल मिलेगी ….?” पार्टी का एक सदस्य सौमित्र बोल पड़ा था .
“क्यों ….?” अमित शाह ने प्रश्न पूछा था . वह अपने अनुयाईयों की राय भी जान लेना चाहते थे .
“भाई जी ! पूरा -का-पूरा जमघट ….खिलाफ …? दिल्ली तक से जोर जो लग रहा था ! शोर मच रहा था कि ….अगर अमित शाह जेल से बाहर आ गया तो ….भयंकर तूफ़ान आएगा ….गुजरात फिर से जल उठेगा ….दंगे भड़केंगे …और हिन्दू-मुसलमान बिफर-बिफर कर लड़ेंगे ….”
“लड़े …क्या …?” अमित शाह हँसे थे .
“वो तो …दिवाली मनाएंगे ….हमारे साथ ….!!” हंसा था सौमित्र भी . “लेकिन अखबारों ने तो गज़ब ही काट दिया था …? क्या-क्या नहीं ….लिख गए …भाई लोग ….?”
“पैसे लेते हैं , मित्र भाई !” दूसरा कोई पार्टी सदस्य बोला था . “बिकाऊ प्रेस है . और ये मीडिया वाले लोग तो …महा …….” गलियां दीं थीं उस ने .
“देखो,दोस्तो….?” अमित शाह बड़े ही खुश-खुश मिजाज़ में बोले थे . “न्याय ….और अन्याय ..दोनों ही खुले में लड़ते हैं ! अन्याय को अपनी हार का पता होता है ….पर वह लड़ता भी ज़रूर है ! सत्यमेव जयते -ये कोई झूठा संवाद नहीं है …? ये सच है ….!!” उन्होंने अपने जमा साथियों को नज़र भर कर देखा था . “मैं और आप साथ-साथ काम करते हैं ! और अब तक आप ने भी महसूसा होगा कि … झूठ को किसी भी भाव खरीदा जा सकता है …! लेकिन …लोगो …ये भी सच है कि सच नहीं बिकता ….?”
“सत्यमेव …? जयते ….!!” नारे लगने लगे थे . “सच नहीं बिकेगा , भाई जी …!” और लोग गले मिल रहे थे ….मिठाईयां खा रहे थे ….मोद मना रहे थे ….
और अब अमित को जम गया था कि वह ….जंग हरगिज़ नहीं हारेगा …..!!!!
“अनाप-सनाप क्यों बोल रहे हो ….?” सेजल का प्रश्न था . घर शांत था . वो दोनों अपने अन्तरंग पलों में लौट आए थे . सेजल का चेहरा फूलों-सा खिला था . “दीवारों के भी कान होते हैं – ये तुम जानते तो हो , अमित …?” उस ने अमित को चेताया था . “अभी तो तूफ़ान आएगा ….? दिल्ली के लोग यों हार नहीं मानेंगे ….? और एक तुम हो कि ….यों नगाड़े पीट रहे हो …..”
“डंके की चोट पर ही तो लड़ता हूँ,मैं ….?” अमित ने सेजल को समेटते हुए कहा था . “डरो मत …! लेट …द ….इनएविटेबल …हैपन ….!!” उस ने एक दार्शनिक की तरह सेजल को समझाया था . “अरे, तुम्हारा तो …बेटा है ….? तुम्हारे पास तो एक साम्राज्य है ….? मुझ एक अकेले को …देश के नाम लिख भी दोगी तो …..कौन घाटा है , तुम्हें ….?” हंस रहा था , अमित .
“मुझे उल्लू …..बनाने में …तुम्हें आनंद आता है , ना ….?” सेजल गंभीर थी .
“अरे,अरे ….!! लो,भाई …, मैं चुप …..!!!!” अमित ने मना लिया था , सेजल को .
गुजरात जाग रहा था – तो दिल्ली भी कहाँ सो पा रही थी …….?
“इस बिच्छू को क्यों छोड़ दिया ….?” सी बी आई डाईरेक्टर से प्रश्न पूछा जा रहा था . “तीन-तीन हत्याएं …..दिन-दहाड़े ….? चश्मदीद गवाहों …की मौत ….? और अब …ये तुम्हारे सारे सबूत मिटा देगा …..!!” उल्हाना आ रहा था . “यार ! ये तो कोई बात ना बनी ….? तुम से तो उम्मीद थी ….कि ….” फोन अचानक कट गया था .
नींद हराम हो गई थी – सी बी आई डाइरेक्टर – अमर प्रताप सिंह की ….!!
“इस की बेल केंसिल कराओ ….!” आदेश आ रहे थे . “आँख के नीचे रखना ,इसे ?” हिदायतें दी जा रही थीं . “तुम जानते नहीं , इस आदमी को …..?” चेतावनी थी .
अचानक ही अमित शाह राजनीति का एक नामी-गिरामी सितारा बन …क्षितिज पर छा गया था ! पत्रकारों का जमघट कांग्रेस आफिस में धरना दिए था . उन्हें केस के बारे में पूरी -की-पूरी जानकारी चाहिए थी ! वह अमित शाह को मिली बेल को ले कर चिंतित थे . इतने सारे अमानवीयता के गीत गाने के बाद भी …..एक जघन्य अपराधी जेल से बाहर आ गया था …? अखबार के हर पन्ने पर उन्होंने तो अमित शाह का ही नाम लिखा था ….और लिखा था – ये आदमी नर-पिशाच है ! इस ने पुलिस के हाथों …वो अपराध कराए हैं ….जो …आज-तक के इतिहास में तो नहीं मिलेंगे ….? और उन सब ने तो शाहबुद्दीन को मिलकर …देवता-तुल्य सिद्ध कर दिया था !! लेकिन …
“राम जेठमलानी ने कहा है कि …ये शाहबुद्दीन …तो शातिर बदमाश है ! इस के पीछे ५ प्रदेशों की पुलिस …दसियों साल से लगी है ! इस के पास से …४७ ए के ४७ राईफलें बरामद हुई थीं ….और १०० ग्रिनैड मिले थे ! एक लाख के करीब ….केश …और …”
“ये तो ….बी जे पी के वकील हैं ! ये तो गुमराह करते हैं ….!” कांग्रेस के अधिवक्ता अभिषेक मनु संघवी बता रहे थे . “सी बी आई कोई पागल है जो ६ महीनों से …तफतीस कर रही है ….? ये देखिए …सी बी आई ने कौन-कौन धाराएं लगाई हैं ….३०२ …बी-४१८ …और १२० बी …! इस के अलावा भी धारा ३४१,३४२,३६४,६५,६८,३८४…और २२१ के तहत …मुकद्दमा दायर किया है ! ये बे-दाग बच ही नहीं सकता ….?” उन्होंने पत्रकारों को जैसे सिद्ध कर दिखाया था और कहा था – धीरज धरो -तुम्हारी मेहनत रंग ला कर रहेगी !!
पत्रकारों को कुछ मसाला तो मिला था . अभिषेक मनु संघवी की दलीलों में दम लगा था -उन्हें ! अब प्रश्नों के बाद प्रश्न तीरों की तरह आ रहे थे ! और मुद्दा …अमित शाह ही था !!
“अरे,भाई ! हम तो अपना काम कर चुके हैं !” अब कपिल सिब्बल बता रहे थे . “अब केस सी बी आई का है ! क़ानून अपना रास्ता लेता है ….हमारा-तुम्हारा नहीं ! और फिर सुप्रीम कोर्ट ने तो सी बी आई को कहा है ….कहा है कि ….तीन-तीन मौतें हुई हैं … ! मानव समाज का यह पहला केस है …जहां …बे-गुनाहों को …पुलिस ने बे-रहमी से मार गिराया ? अब तो …..” उन्होंने जमा लोगों को …नज़र भर कर देखा था . वो प्रसन्न थे कि लोग अब अमित शाह का ‘सर’ मांग रहे थे ! “धीरज धरो ! सब होगा ….!” उन्होंने हवा में हाथ हिला कर कहा था .
दिल्ली अचानक जाग उठी थी ! एन डी सी की मीटिंग में भाग लेने गुजरात के मुख्य मंत्री आए थे ! जमा लोगों ने मोदी जी को एक अजूबे की तरह देखा था ! पहला ही मुख्य मंत्री था -मोदी …जिस ने अलग से नाम कमाया था ….और जो दिल्ली के दिल में तीर की तरह आ छिदा था !
“कैसे मेनेज की …..बेल ….?” साथ बैठे मुख्य मंत्रियों ने चुटकी ली थी .
“केस झूठा है !” मोदी जी ने दो टूक उत्तर दिया था . “कहने पर गढ़ा गया है !” मोदी जी की बात में दम था . “केंद्र में बैठे लोग ….अपने आप को खुदा मानते हैं !” अब मोदी जी ने चुटकी ली थी .
“क्यों …पंगा …लेते हो , यार ….?” किसी ने हौले से कहा था और सब लोग हंस पड़े थे .
मोदी जी को फिर एक बार लगा था कि …राज अभी भी ….अंग्रेजों का ही था …और भारत देश के लोग आज भी गुलाम ही थे !!
प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह का चहरा दप-दप …चिरागों -सा जल रहा था !
एकत्रित हुए पत्रकारों को उम्मीद थी कि …उन्हें एक रीता-थोथा अमित शाह ही मिलेगा ….जो शिकायत कर रहा होगा कि …उस के साथ घोर अन्याय हुआ था ! उसे झूठे केस में फंसाया गया था …!! पर यहाँ जो अमित उन के सामने था – वो तो कोई और ही था …?
“कैसी रही – जेल -यात्रा ….?” पहला प्रश्न तीर की तरह अमित शाह की ओर आया था .
“सुखद ….!!” हंस कर कहा था , अमित शाह ने . “आरामदायक ….!!” उन्होंने दुहराया था . “कितनी ….कितनी …शान्ति ….? कितना-कितना सुकून ….?” वो प्रसन्न हो कर बता रहे थे . “देखते नहीं ….? मोटा हो कर लौटा हूँ …..!!” वह फिर से हंस पड़े थे .
पत्रकारों के चहरे उतर गए थे . वो अब अमित को ‘बे-शर्म’ बगेहरा की उपाधि दे दे ना चाहते थे …पर थे तो विवश …?
“मोदी जी कब जेल जाएंगे ….?” फिर दूसरा विष का भुना तीर आया था .
लेकिन अमित शाह चौंके नहीं थे . वो हँसे थे ! अब उन्होंने चारों ओर द्रष्टि घुमा कर देखा था ! हवा गरम थी . लोगों के दिमाग भी गरम थे . लोग लड़ने के मूड में थे . उन्हें रोष था कि …अमित शाह जैसे अपराधी को बेल मिली तो मिली कैसे ….?
“ये तो …आप लोगों ने ही तय करना है ….?” फिर हँसे थे , अमित शाह . “वैसे …उन का जेल जाना ….है बहुत कठिन …..!!”
“क्यों …..?”
“उन्होंने क्या किया है ….?” अमित शाह बेधड़क बोल रहे थे . “अरे,भाई ! सारे गुनाहों का मालिक तो मैं हूँ …? वो तो …निर्दोष हैं !” अमित शाह बताने लग रहे थे .
एक चुप्पी छाने लगी थी . यों विष के भुने तीर भी अकारथ जाएंगे – उन्हें तो उम्मीद ही न थी ….? उन्हें तो उम्मीद थी कि ….अमित शाह …को घेर कर …वो लोग आज खूब ही ज़लील करेंगे …और फिर रहा-सहा कीचड मोदी के मुंह पर पोत कर … अपनी -अपनी कहानियां छापेंगे …और लोगों को बताएंगे कि ….मोदी का जेल जाना भी तकरीबन तय ही था !!
दिल्ली को भी इसी प्रकार की कहानियों की दरकार थी ….?
कहीं मोदी और अमित शाह का डर …दिल्ली के लोगों के दिलों में …जा बैठा था !
“गुजरात के चुनाव बारह में आ रहे हैं , अमित जी ….?” पत्रकारों ने चर्चा का रुख मोड़ा था . “इस बार तो ….कांग्रेस …..?”
“अब कांग्रेस गुजरात में कभी भी नहीं लौटेगी , मित्रो !” दो टूक उत्तर था , अमित शाह का . “पिछले बीस साल से …कांग्रेस सपने देख रही है …गुजरात में आने के …? लेकिन दोस्तों अब अगले पचास सालों तक …तो इन का आना होगा नहीं !” जोरों से हंस पड़े थे , अमित शाह .
ये भी तीर खाली जाते देख …पत्रकार तिलमिलाने लगे थे . फिर उन्होंने उसी पुराने अमोघ -अस्त्र को दागा था !
“गोधरा …को याद करते हैं …लोग …तो …..?”
“भूल गए गोधरा को तो ….गुजरात के मुसलमान ….!” अमित की आवाज़ में दम था . “अब कांग्रेस को मुसलमानों का वोट कभी भी नहीं मिलेगा ….!!”
“क्यों ….?”
“इस लिए कि …कांग्रेस …नफरत बता कर मुसलमानों को तोडती है ….और हम उन्हें प्रेम बता कर जोड़ते हैं ! कांग्रेस केवल वोट लेने का सौदा करती है …पर हम विकास की बात करते हैं ! गुजरात का मॉडल …देश में हुआ एक नया ही प्रयोग है ,मित्रो ! और इस विकास में हम सब शामिल हैं ! हमने समाज को बांटा नहीं ….जोड़ा है ! गोधरा के बाद कोई दंगा तो नहीं हुआ ….? हिन्दू-मुसलमान …अब भी तो साथ-साथ रह रहे हैं ….?”
और प्रेस के लोग अब चुप थे !!
“और मित्रो ! मैं तुम्हें बता देता हूँ कि ….अगर केंद्र में कांग्रेस रही तो ….एक दिन जब ये पाकिस्तान हमारे सरों पर आ बैठेगा …तब आप को होश आएगा ….?” अब अमित ने चुटकी ली थी . “टू … हैव …कांग्रेस …एट सेंटर …इस नांट …सेफ….!!” घोषणा की थी अमित ने . “और मैं दावे के साथ कहे देता हूँ ….कि …मोदी जी ‘मोदीनौमिक्स’ ले कर दिल्ली पहुंचेंगे ज़रूर !!” हँसे थे , अमित शाह . “आप लोग स्वागत के लिए आना ना भूलना ….?” कह कर वो उठ गए थे .
राजनीति के क्षितिज पर ….ये पहला ही धमाका हुआ था ….!!
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श्रेष्ठ साहित्य के लिए – मेजर कृपाल वर्मा साहित्य !!