रजिया भाग 1

रजिया भाग 1

“जालिम ..?” लैरी ने पुकारा है तो मैं अपनी डैस्क से उछल पड़ती हूँ। “पूरा नहीं हुआ हुलिया?” वह पूछ रहा है। रात का एक बजा है। पूरा अमरीका सो रहा है। लेकिन हमारा रतजगा चल रहा है। जालिम को लेकर हम कितने भयभीत हैं – कोई हम से पूछे। “कुछ...
राम चरन भाग एक सौ पचास

राम चरन भाग एक सौ पचास

आठ दिसंबर सुबह की फ्लाइट पकड़ कर जब जन्मेजय काशी चला गया था तो राम चरन की जान में जान लौट आई थी। सुंदरी और भाभी जी श्याम चरन के बर्थडे डे की तैयारियों में नाक तक डूबी थीं। भाभी जी घर पर ही केक बना रही थीं। सुंदरी ने अपनी सारी दोस्तों को फोन पर सूचना दे बुला लिया था।...
राम चरन भाग एक सौ पचास

राम चरन भाग एक सौ उनचास

राम चरन घोड़े बेच कर सो रहा था। “क्या हुआ?” सुंदरी उसे झिंझोड़ कर जगा रही थी। “कित्ते बार कहा है कि ..” वह राम चरन के काम को कोस रही थी। “उठो-उठो! नौ बज गए।” राम चरन ने आंखें खोली थीं। सुंदरी सामने थी लेकिन उसे दिखाई न दे रही थी। वह...