रजिया भाग 65

रजिया भाग 65

सामने रोड थी जिसके पार रघुनाथन को कुछ-कुछ दिखाई देने लगा था। सामने बहती नदी पर लकड़ी का पुल बना था। नदी का पानी शीशे सा साफ था। सामने के पहाड़ जंगलों से भरे महक रहे थे। मोहक सुहाती सुबास रघुनाथन को तरो ताजा कर गई थी। अचानक ही वह एक प्रसन्नता से भर उठा था। उसने बड़ी ही...
रजिया भाग 65

रजिया भाग 64

“ब्रिटेन से बरनी ने एक दिल दहलाने वाली खबर भेजी है सर।” चुपके से ऑफिस में घुस आए माइक ने एक जरूरी बात बताई थी। सर रॉजर्स का सोच टूटा था। वो सोफी के बारे में ही सोच रहे थे। यूं इकलौती बेटी को जासूसी के जंजाल में फसा कर वो अपना चैन खो बैठे थे। एक सोफी ही थी...
रजिया भाग 65

रजिया भाग 63

बिंदा बेगम आज रजिया सुल्तान के साथ अपनी बग्गी पर सवार हुई लखनऊ शहर की सैर पर निकली थी। बिंदा बड़े ही मनोयोग से रजिया सुल्तान को लखनऊ शहर का मिजाज और अंदाज बयां कर रही थी। लंबे चौड़े इमाम बाड़े, महल चौबारे और रेजीडेंसी लखनऊ शहर का इतिहास बता रहे थे। लखनऊ आज भी अपनी...