आपने नोट फॉर वोट पार्टी को चुनाव में जिताना है, हुजूर!

हर हाल में आपने नोट पर बटन दबाना है। नोट ही पार्टी का चुनाव चिन्ह है और नोट फॉर वोट आपकी पार्टी है। आपने याद रखना है कि नोट फॉर वोट पार्टी का चुनाव चिन्ह – नोट नकली नहीं असली है!

चुनाव से पहले ही नोट फॉर वोट पार्टी के एजेंट आपके घर पहुंचेंगे। क्योंकि नोट फॉर वोट पार्टी ने चुनाव से पहले ही सर्वे कराना है। सर्वे में नोट फॉर वोट पार्टी ने पता लगाना है कि आपको क्या चाहिये। और जब जब नोट फॉर वोट पार्टी के एजेंट आपके घर आएं तो आप उन्हें अपनी तकलीफ बताएं। अपनी मांगें उनके सामने रख दें। उन्हें बता दें कि क्या आपके बेटे को नौकरी चाहिये? क्या आपकी बेटी की शादी होनी है? क्या आपको घर चाहिये? क्या आपका पड़ोसी आपको तंग करता है? और आप जो कुछ भी चाहें लिखवा दें नोट फॉर वोट पार्टी के एजेंट को!

चूंकि आपकी समस्याएं नोट फॉर वोट पार्टी की समस्याएं हैं और नोट फॉर वोट आपकी पार्टी है!

आप के दुख दर्द बांटने नोट फॉर वोट पार्टी द्वार द्वार पहुंचती है। नोट फॉर वोट पार्टी को गरीबी दूर करनी है। नोट फॉर वोट पार्टी को बेरोजगारी से लड़ना है। नोट फॉर वोट पार्टी भ्रष्टाचार को तो जड़ मूल से मिटा देगी। नोट फॉर वोट पार्टी का पहला ही एजेंडा है सर्व हिताय सर्व सुखाय।

सड़क पानी बिजली और ये तेल तम्बाकू तो मामूली बातें हैं – नोट फॉर वोट पार्टी के लिए। जीतने के बाद सब गायब।

यहां तक कि नोट फॉर वोट पार्टी समाज कल्याण की ऐसी ऐसी योजनाएं लाएगी कि आप दंग रह जाएंगे। नोट फॉर वोट पार्टी को जीतने तक की देर है, इस पार्टी ने वो कर दिखाना है जो आज तक किसी भी विरोधी पार्टी ने नहीं किया!

“वो हमारा बबलू भैया है! उनका बुखार मियादी हो गया है एजेंट जी!”

“फिकर नॉट! घर घर में बुनियादी क्लिनिक खुलवा देंगे ताऊ!”

“और .. और वो नोट कब देगी नोट फॉर वोट पार्टी?”

“कब देगी नोट पार्टी – किसने पूछा है भाई? अरे भाई नोट फॉर वोट तो पार्टी का नाम है! पार्टी का नाम याद रक्खो – नोटों का नाम न लो!”

नोटों के कितने दुश्मन हैं – आप देख तो रहे हैं!

मेजर कृपाल वर्मा

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