तुम्हारे लिए चुनौती पूर्ण भविष्य आँख लगाए बैठा है !

तुम्हारे लिए चुनौती पूर्ण भविष्य आँख लगाए बैठा है !

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश:- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अचानक ही कांग्रेस और उस के सहयोगियों को ..एक बार फिर से सताने लगा था …? न जाने कितनी बार इसे तोड़ने के प्रयत्न हुए थे …? इसे बैन किया गया था …इस...
आर एस एस ? उजाला साथ ले कर चलनेवाले मणिधर सांप हैं !!

आर एस एस ? उजाला साथ ले कर चलनेवाले मणिधर सांप हैं !!

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा- नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश:- “आ गया ऊँट …पहाड़ के नीचे ….?” चिदाम्बरम बोल रहे थे . “हार गया ….न …?” उन्होंने बैठी जमात को पूछ लिया था . “कहता था -१३० ….!! हा...
कंस नगरी है -दिल्ली ,कौन नहीं जानता ?

कंस नगरी है -दिल्ली ,कौन नहीं जानता ?

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी. उपन्यास -अंश :- खूब -खूब आशीर्वाद लिया था – पाजी ने ….? मैं भी प्रसन्न था . अब आ कर मेरा मन खुला था …? अब कहीं मेरा साहस लौटा था . अमित मेरी ओर मुडा था . उस ने भी मुझे ताड लिया था...
तू तो फकीर है ! कोई क्या उतार लेगा,तेरा ??

तू तो फकीर है ! कोई क्या उतार लेगा,तेरा ??

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा – नरेन्द्र मोदी. उपन्यास -अंश :- मन विक्षिप्त था . बिदक रहा था . और मैं था – असहज …!! एक अपराध बोध था -जो मुझे भीतर -ही-भीतर खाए जा रहा था ! हुई विजय-श्री से हाथ मिला मैं ..सीधा दिल्ली चला आया था ? जब...
मेरा वशीकरण मंत्र है-ये अमित !

मेरा वशीकरण मंत्र है-ये अमित !

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश :- मुझे भी नींद ने आ कर घेर लिया था ! मन था कि डट कर सोऊँ ? कहा-सुना सब भूल कर मैं …निद्रा की गोद में बैठ विश्राम कर लूं,मेरा मन था ! अतः अपने सारे-के-सारे सजीले सपनों को सिरहाने रख ,...
अब मैं फिर अकेला छूट गया था ?

अब मैं फिर अकेला छूट गया था ?

महान पुरुषों के पूर्वापर की चर्चा ! भोर का तारा -नरेन्द्र मोदी . उपन्यास -अंश . मात्र मेरे आने से गुजरात भवन में …गहमा-गहमी बढ़ने लगी थी ! मैंने तो अपने दिल्ली आने की सूचना किसी को भी नहीं दी थी ? मैं तो अपना ये छोटा वक्त अपने ही लिए खर्च करना चाहता था ! सांस...