पश्चाताप

0 “तुम! तुम्हे…. तुम्हे यहाँ का पता किसने दिया?” आज महीनों बाद अपनी दहलीज पर कासिम को देखते ही एक बार फिर से अपना किया हुआ गुनाह उसकी आँखों के सामने आ गया। चोरी किये पैसे को अकेले ही संभालने के चक्कर में वो दोस्त पर जानलेवा हमला कर घटनास्थल से भाग...