स्वामी अनेकानंद भाग 26

स्वामी अनेकानंद भाग 26

मानस माधव इंटरनैशनल, पांच सितारा होटल लकदक रोशनी में नहाया खड़ा था। बैंड बाजा बज रहा था। प्रेस के लोग पहुंच गए थे। भीड़ जुड़ती जा रही थी। स्वामी अनेकानंद के आने का इंतजार था। तभी एक लंबी चौड़ी विदेशी कार आती दिखी थी। स्वामी जी आ रहे थे। कार धीमी रफ्तार पर चल रही थी।...
स्वामी अनेकानंद भाग 26

स्वामी अनेकानंद भाग 27

बर्फी उस समूची रात सो नहीं पाई थी। राम लाल और आनंद नहीं लौटे थे। लौटा था एक पैगाम – उड़ गया पंछी पिंजरा तोड़ के। राम लाल मर्द तो था पर उसका मन मीत न था। जेठवा के बाद उसे कोई मन मीत मिला ही नहीं। लाश रह गई थी वह जेठवा के मरने के बाद। जेठवा याद आते ही अचानक आनंद...
स्वामी अनेकानंद भाग 26

स्वामी अनेकानंद भाग 25

“नउआ और कउआ – दाेनाें ही साले हरामी हाेते हैं।” नशे में धुत मग्गू कल्लू के कारखाने में आम ताैर पर कहता था ताे पूरी जमात ठहाके मार कर हंसती थी। कल्लू पर छाेड़ा ये तीर ठिकाने ताे लगता लेकिन कल्लू सबके साथ मिल कर ठहाके लगाता रहता। कल्लू भी मानता था कि...
स्वामी अनेकानंद भाग 26

स्वामी अनेकानंद भाग 24

मच्छी टोला पहुंचा था कल्लू तो सबसे पहले उसका मिलन मुन्नी से हुआ था। मुन्नी उसकी प्रेमिका थी। बेहद प्यार करता था वो मुन्नी से। शाम ढलते अंधेरा घिर आता था तब आती थी मुन्नी चुपके-चुपके। वो उसे बांहों में भरता और कलेजे से लगा लेता। न जाने कब तक वो दोनों .. “अरे...
स्वामी अनेकानंद भाग 26

स्वामी अनेकानंद भाग 23

आनंद कदम के साथ चला गया था। कल्लू चिड़िया के पास बैठा ऊंघ रहा था। चाय की मांग जाेर पकड़ रही थी। राम लाल बेदम हुआ जा रहा था। लेकिन आज वाे बर्फी के चेहरे काे भूल न पा रहा था। बर्फी ने आज आनंद काे पहली बार देखा था। आनंद ने भी बर्फी काे देखा था। दाेनाें की नजराें काे...