ये शहर तमन्नाओं का बाजार है
सज रही यहां उम्मीद की बहार है
भरने दो उड़ान अपने सपनों को
कि ज़िंदगी के दिन भी तो बस दो-चार है
ये शहर तमन्नाओं का बाजार है
सज रही यहां उम्मीद की बहार है
भरने दो उड़ान अपने सपनों को
कि ज़िंदगी के दिन भी तो बस दो-चार है