रजिया भाग 3

रजिया भाग 3

“कुछ उखड़ी हुई हो ..?” लैरी ने मुझे आते ही पूछा है। “हां! रॉबर्ट से झगड़ा हुआ है। झूठ बोलना मुझे बुरा लगता है।” “क्यों?” लैरी हंस रहा है। “ही इज सच ए डीसेंट बॉय!” “गोआ जाने की जिद को लेकर बैठ गया है।” मैं...
रजिया भाग 3

रजिया भाग 2

कयास लगाया जा रहा है कि चंगेज खां से भी चौगुना है यह जालिम। यूरोप पूरा डरा हुआ है। कब कहां बम विस्फोट हो जाए – कौन जाने। गिरजा घरों में बैठे लोग परमात्मा की पूजा तक नहीं कर पा रहे हैं। व्यापारी वर्ग बुरी तरह से डर गया है। सरकारें भी तिनके तरह कांप रही हैं।...
रजिया भाग 3

रजिया भाग 1

“जालिम ..?” लैरी ने पुकारा है तो मैं अपनी डैस्क से उछल पड़ती हूँ। “पूरा नहीं हुआ हुलिया?” वह पूछ रहा है। रात का एक बजा है। पूरा अमरीका सो रहा है। लेकिन हमारा रतजगा चल रहा है। जालिम को लेकर हम कितने भयभीत हैं – कोई हम से पूछे। “कुछ...
राम चरन भाग एक सौ पचास

राम चरन भाग एक सौ पचास

आठ दिसंबर सुबह की फ्लाइट पकड़ कर जब जन्मेजय काशी चला गया था तो राम चरन की जान में जान लौट आई थी। सुंदरी और भाभी जी श्याम चरन के बर्थडे डे की तैयारियों में नाक तक डूबी थीं। भाभी जी घर पर ही केक बना रही थीं। सुंदरी ने अपनी सारी दोस्तों को फोन पर सूचना दे बुला लिया था।...
राम चरन भाग एक सौ पचास

राम चरन भाग एक सौ उनचास

राम चरन घोड़े बेच कर सो रहा था। “क्या हुआ?” सुंदरी उसे झिंझोड़ कर जगा रही थी। “कित्ते बार कहा है कि ..” वह राम चरन के काम को कोस रही थी। “उठो-उठो! नौ बज गए।” राम चरन ने आंखें खोली थीं। सुंदरी सामने थी लेकिन उसे दिखाई न दे रही थी। वह...