by Major Krapal Verma | Jan 18, 2025 | रजिया
मेवाड़ में प्रवेश पाते ही सोफी को लगा था जैसे हवा ही बदल गई थी। उस प्रदेश का अनोखा प्रसार उसे आनंदित कर गया था। उसे लगा था जैसे वह इस देश प्रदेश को जानती थी। वह इन सब पेड़ पौधों और पशु पक्षियों से परिचित थी। कुछ भी अजान बेजान न था यहां। और चित्तौड़ गढ़ में प्रवेश पाते...
by Major Krapal Verma | Jan 11, 2025 | रजिया
सोफी जिद कर के माण्डव लौट आई थी। माण्डव के खण्डहरों में वो उतावली बावली हुई डोल रही थी। टाइगर परेशान था। सोफी जो प्रश्न करती उसका उत्तर उसके पास न होता। सोफी के प्रश्न भी तो अटपटे ही तो थे। “पहले माण्डू का इतिहास समझ लो सोफी!” टाइगर कह रहा था। “दसवीं...
by Major Krapal Verma | Jan 4, 2025 | रजिया
राहुल सिंह के साथ घूमती फिरती सोफी को आज भारत बहुत ही जाना पहचाना लग रहा था। कितनी सहजता से राहुल सिंह उसकी हर जिज्ञासा का जवाब देता था – कमाल ही था। “इस तरह के जिरह बख्तरों को पहन कर और घोड़े पर सवार हो कर ये तुम्हारे राणा जी कैसे लड़ पाते होंगे...
by Major Krapal Verma | Dec 31, 2024 | रजिया
“तुमने भारत को देखा है तो भारत ने तुम्हें देखा है।” सर रॉजर्स बताते हैं। “आंख तो सबकी होती हैं, सोफी।” वह विहंस कर कहते हैं। “भारत में ..” “कुछ अनूठा तो है।” सोफी बात काटती है। “मैं मानती हूँ कि भारत में कुछ अलग से...
by Major Krapal Verma | Dec 29, 2024 | रजिया
केवल हिन्दी का हथियार हाथ में पकड़े वह भारत चली आई थी। “सोफी!” एक अति आत्मीय आवाज फोन पर गूंजी थी। “आ जाओ मेरे साथ। मैं दक्षिण भारत के टूर पर हूँ। बाई गॉड सोफी यू वुंट बिलीव इट ..!” रॉबर्ट बोल रहा था। “नहीं!” सोफी का दो टूक उत्तर...