राम चरन भाग पैंतीस

राम चरन भाग पैंतीस

लाख कोशिश करने के बाद भी राम चरन सुंदरी को भूल नहीं पा रहा था। “तू पागल है साला!” राम चरन के कानों ने जानी पहचानी आवाज सुनी थी। “ये फंसेगा जाल में!” दूसरी आवाज भी हूबहू वही थी। “बे! तुझे दिखता क्या है – इस माल में?” पुराना...
राम चरन भाग पैंतीस

राम चरन भाग तैंतीस

राम चरन लौट आया था। पंडित कमल किशोर का जैसे जी लौट आया था – उन्हें लगा था। आज वो बुरी तरह डरे हुए थे। गर्भ गृह में कुंवर साहब की आंख से बचा कर रक्खा राम चरन अब सुंदरी की आंखों में समा गया था। पंडित जी इस तरह की इश्क अइयाशी से परहेज करते थे। लेकिन पहली बार भी तो...
राम चरन भाग पैंतीस

राम चरन भाग चौंतीस

“दोनों के फार्म भर गए हैं।” श्यामल कालू के कान में कह रही थी। “ग्यारह सितंबर इंटरव्यू की डेट मिली है।” उसने अहम सूचना दी थी। “हम दोनों का इंटरव्यू इन दोनों से पहले होगा!” श्यामल ने बात स्पष्ट की थी। “हम पास हुए तो ही ..”...
राम चरन भाग पैंतीस

राम चरन भाग बत्तीस

“राम चरन कहां है?” आसन पर मौन बैठे पंडित कमल किशोर पर सुंदरी ने गोली की तरह प्रश्न दागा था। पंडित जी चौंक पड़े थे। सामने खड़ी सुंदरी को उन्होंने एक चुनौती की तरह देखा था। वो डर गए थे। सुंदरी के बदन से आती मोहक सुगंध ने उन्हें जगा सा दिया था। उन्हें याद हो...
राम चरन भाग पैंतीस

राम चरन भाग इकतीस

नई उमंग के साथ आज कालू घर से व्यापार के लिए निकला था। भोंदू – नया नौकर रेहड़ी खींच रहा था। पुराना नौकर राम चरन आ कर सर्विस संभालेगा वह जानता था। उसने व्यापार को आगे बढ़ाना था। कारण – अरुण वरुण का एडमीशन था। अंग्रेजी पढ़ लिख कर अरुण वरुण का कलक्टर बनना भी...