राम चरन भाग एक सौ चौबीस

राम चरन भाग एक सौ चौबीस

उस रात के अवसान में निपट अकेला मुनीर खान जलाल संघमित्रा के ख्वाबों में खाेया था। मंदिर बंद था। गरमी का मौसम था। रात बहुत बीत गई थी। लेकिन राम चरन की आंखों में न तो नींद थी और न उदासी थी। निरी निराशा ही थी जो उसे सता रही थी। घर जाने का उसका मन ही न हो रहा था। एक अजीब...
राम चरन भाग एक सौ चौबीस

राम चरन भाग एक सौ तेईस

लाख कोशिश करने के बाद भी जुनैद संघमित्रा और मुनीर खान जलाल की मुलाकात नहीं करा पाया था। घोर निराशा में डूबा मुनीर खान जलाल अपने आप पर लानत भेज रहा था। उसे बड़ा क्रोध चढ़ आया था। वह किसी भी कीमत पर संघमित्रा को हासिल कर लेना चाहता था। वह चाहता था कि संघमित्रा के साथ वह...
राम चरन भाग एक सौ चौबीस

राम चरन भाग एक सौ बाईस

रात ढलने को थी। राम चरन अभी भी गर्भ गृह में बैठा था। पूरी ढूंढ खखोर के बाद उसे एक ही बात वाजिब लगी थी। संघमित्रा और कहीं नहीं – यू एस में थी। सुमेद भी शायद वहीं था और उसके दोनों परिवार भी यू एस में ही थे। “जुनैद!” राम चरन ने हिम्मत बटोर कर यू एस में...
राम चरन भाग एक सौ चौबीस

राम चरन भाग एक सौ इक्कीस

राम चरन के दिन का रुटीन अब आ कर सैट हो गया था। सुबह वह मंदिर जाता था। मंदिर पहुंच कर पूजा के कपड़े पहनता था। सुंदरी ने वही पुराने कपड़ों के सैट बनवा दिए थे। दोपहर के बाद पूजा समाप्त कर और कपड़े बदल कर वो ऑफिस चला जाता था। लंच जनरल फ्रामरोज के साथ करता था। जनरल साहब के...
राम चरन भाग एक सौ चौबीस

राम चरन भाग एक सौ बीस

पंडित कमल किशोर पत्नी राजेश्वरी के साथ दो माह के लिए यू एस जा रहे थे और कस्तूरी किरन को बहिन की शादी करने केरल जाना था। “मंदिर को किसी अंजान आदमी के हाथ सोंपना – मीन्स डिजास्टर।” राम चरन ये जानता था। ऑपरेशन वंडरफुल की तैयारियां जोरों पर थीं।...