Description
लीजिए साहब सुनिए एक नई बात, चमड़े का जूता तो सुना भी था, और देखा भी, कैनवास का भी देखा, लेकिन यह चांदी का जूता तो न सुना, न देखा | लेकिन हमारे और आपके न देखने से इस चांदी के जूते का वजूद थोड़े ही ख़त्म हो जायेगा | मेरे मन में तो यह ताप की भांति चढ़ा हुआ है | जैसे जैसे सोचता हूँ इस ताप का पारा बढ़ता ही जाता है | यह चांदी का जूता कैसे बना होगा, कौन पहनता होगा इस विशेष से भी विशेष जूते को, हाँ अगर बीते दिनों या युगों की बात होती तो हम मान भी लेते हाँ साहिब क्यूँ नहीं अवश्य होता होगा चंडी का जूता, यह राजा महाराजा और नवाब लोग चंडी छोड़, सोने का जूता भी पहन सकते हैं |
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