by Major Krapal Verma | Nov 1, 2025 | स्वामी अनेकानंद
बंबई शहर के ऊपर अचानक ही चुनावों का बुखार चढ़ गया था। चुनाव लड़ने के लिए सूरमाओं का चुनाव होने लगा था। नए पुरानों का नाम और काम सामने आने लगा था। पिछले पांच सालों में किसने क्या-क्या किया लोगों के बीच चर्चा चल पड़ी थी। किसे टिकिट मिलेगी और कौन किनारे लग जाएगा खुल कर...
by Major Krapal Verma | Nov 1, 2025 | स्वामी अनेकानंद
आनंद अकेला होटल के कमरे की भव्यता को निहार रहा था – सराह रहा था। उसे अचानक एहसास हुआ था कि वो बंद कमरा कदम की चिड़िया का पिंजरा जैसा ही था। उसमें कदम की चिड़िया बंद रहती थी तो इसमें राम लाल की चिड़िया बंद थी। अब आनंद को बंबई के बाहर होते दंगो-पंगों से कुछ लेना...
by Major Krapal Verma | Oct 27, 2025 | स्वामी अनेकानंद
मानस माधव इंटरनैशनल, पांच सितारा होटल लकदक रोशनी में नहाया खड़ा था। बैंड बाजा बज रहा था। प्रेस के लोग पहुंच गए थे। भीड़ जुड़ती जा रही थी। स्वामी अनेकानंद के आने का इंतजार था। तभी एक लंबी चौड़ी विदेशी कार आती दिखी थी। स्वामी जी आ रहे थे। कार धीमी रफ्तार पर चल रही थी।...