by Major Krapal Verma | Jun 22, 2024 | राम चरण
राम चरन ने जब आंखें खोली थीं तो सुंदरी उसका सर सहला रही थी। “भाई साहब आए थे। सुंदरी ने धीमे से बताया था। “बदन छू कर बोले थे – इट्स फटीग। बहुत काम करते हैं।” सुंदरी तनिक मुसकुराई थी। “कह रहे थे – इन्हें आराम करने को कहो।” राम...
by Major Krapal Verma | Jun 19, 2024 | राम चरण
उस रात के अवसान में निपट अकेला मुनीर खान जलाल संघमित्रा के ख्वाबों में खाेया था। मंदिर बंद था। गरमी का मौसम था। रात बहुत बीत गई थी। लेकिन राम चरन की आंखों में न तो नींद थी और न उदासी थी। निरी निराशा ही थी जो उसे सता रही थी। घर जाने का उसका मन ही न हो रहा था। एक अजीब...
by Major Krapal Verma | Jun 18, 2024 | राम चरण
लाख कोशिश करने के बाद भी जुनैद संघमित्रा और मुनीर खान जलाल की मुलाकात नहीं करा पाया था। घोर निराशा में डूबा मुनीर खान जलाल अपने आप पर लानत भेज रहा था। उसे बड़ा क्रोध चढ़ आया था। वह किसी भी कीमत पर संघमित्रा को हासिल कर लेना चाहता था। वह चाहता था कि संघमित्रा के साथ वह...