राम चरन भाग एक सौ अट्ठाईस

राम चरन भाग एक सौ अट्ठाईस

“गुड माॅर्निंग!” जनरल फ्रामरोज का फोन था। “गुड माॅर्निंग सर!” राम चरन संभल गया था। “इतनी जल्दी! खैरियत तो है?” “खुशखबरी है।” जनरल फ्रामरोज ने सूचना दी थी। “सात नम्बर आ जाओ!” उनका आग्रह था। “नाश्ता...
राम चरन भाग एक सौ अट्ठाईस

राम चरन भाग एक सौ सत्ताईस

देर रात गए राम चरन ने हैदराबाद फोन मिलाया था। मंदिर परिसर सूना था। किरन कस्तूरी जा चुका था। पंडित कमल किशोर कब के घर पहुंच चुके थे। सुंदरी सो नहीं रही थी। लेकिन दिल्ली सो रही थी। और राम चरन भी एक अकेला था जो अभी भी जाग रहा था। संघमित्रा उसे अब सोने नहीं दे रही थी।...
राम चरन भाग एक सौ अट्ठाईस

राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

पुरवाया छूट गया था। आसमान पर बैठे बादल छितराने लगे थे। मंदिर के परिसर में भक्तों की भीड़ भरने लगी थी। राम चरन को परिवार के साथ आया देख पंडित कमल किशोर प्रसन्न हुए थे। वो राम चरन का बहुत आभार मानते थे। “आइए-आइए।” पंडित कमल किशोर ने श्याम चरन को आगोश में...