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रजिया भाग 11

रजिया भाग 11

“माइक ..! माइक ..! माइक ..!” कहकर मैंने जाेराें से टेबुल पर मुक्के मारे हैं। क्राेध का एक सागर मेरे हिये में हिलाेरें ले रहा है। एक निराशा है जाे मुझे इस स …

जंगल में दंगल संग्राम दस

जंगल में दंगल संग्राम दस

“नहीं नहीं!” नकुल ने जोरों से कहा था। “जरासंध का जोर कम हो रहा है! तुम सांप होकर कब से इस भाग्य और भगवान के चक्कर में पड़ गए मेरे मणिधर!” वह जोरों से हंसा था। “वार करो महाबली – भरपूर वार! जीत का सेहरा हम तुम्हारे सर बांधने के लिए कब से उतावले हो रहे हैं!”

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उभरती प्रतिभाएं कार्यक्रम

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