वीर सावरकर ।

वीर सावरकर ।

”बाबू भैया , सुना आप ने ? ” गप्पू नराज है . ”हम तो पहले ही कह रहे थे । ” उस के स्वर तीखे हैं . ” हो गया न – पंगा ….?” उस ने प्रश्न दागा है । ”वही नाम-गॉव का लफड़ा ।” वह बताने लगा है . ”अब कहते हैं...
नाम-गाँव

नाम-गाँव

कहानी. जो भी यहाँ आता है – अपने नाम-गाँव बनाता है ! बगीचों तक के नाम अपने रखता है . गाँव – नूर पुर ..रहीम पुर …फरीदाबाद …और …तो और ..कन्नाट प्लेस …बोम्बे ….कलकत्ता …और …और अजलू- फजलू …टॉम …और...
टिकिट चेकर

टिकिट चेकर

काम के सिलसिले में मुझे अक्सर बाहर जाना पड़ता है .. मार्केटिंग जॉब है. इस बार जोधपुर जाना था. पहली बार जा रहा था .. मेरे साथ मेरे एक कोलिक भी थे. इन दिनों बच्चों के एक्साम्स चल रहे हैं तो रिसर्वेशन आसानी से मिल गया. दिल्ली सराए रोहिल्ला से जोधपुर लगभग ११ घंटे का रास्ता...
किरण

किरण

जेल में हूँ. माँ, बाबूजी, मालती .. विवेक .. हम सभी. हमारी बात कोई सुनने वाला नहीं है. दो साल भी पुरे नहीं हुए हैं शादी को .. पहली बार उसे फोटो में ही देखा था. जैसा नाम वैसा ही रूप था उसका. गोरी थी और नाक-नक्श भी अच्छे थे. सुन्दर थी. माँ ने पूछा तो हाँ कर दी .. वो कम...

Andhaa Kuan !

मगरमच्छ !! जज की कुर्सी पर बैठ कर मुझे लगा था कि हाथ उठाते ही मेरी उंगलियां आसमान छू लेती हैं ! सच भी था ! आप मानिए कि मुझे केस फ़ाइल देखते ही सब आगा-पीछा समझ आ जाता था . जैसे ही मैं पक्ष -विपक्ष को देखता ‘सच’ मेरे सामने हाथ जोड़ कर आ खड़ा होता ! मैं जिरह...

Kaala Sooraj

ये काला सूरज मुझ मौना को जानता है !! कहानी समापन किश्त :- कहता है – ये मुझे जानता नहीं है ! इस ने तो मुझे कभी छुआ तक नहीं . नहीं,नहीं ! नहीं भोगा  इस ने मेरे जिस्म को . और न ही खेला ये मेरी भावनाओं से ! उन भावनाओं से – जो सर्वथा अछूती थीं और किसी पुरुष के...