by Major Krapal Verma | Jun 16, 2020 | Hindi Poems
कविता न सही ताजमहल ,शीश महल पर – मैने बनादिया है -राज महल, और ले बेटे के फलैट की चाबी- ये रही रानी तेरी बेटी की कोठी, और येे देख मेरे कमाल का धमाल- न सही हम अरवपति – खरवपति …पर राज -मेरी प्रियतमा , मेरी हमसफर, ये देख तेरे हुस्न पर खिलता ये हार, और ये...
by Major Krapal Verma | Jun 3, 2020 | Hindi Poems
कविता – एक अद्वितीय लफंगे की कहानी – जो करता था , मनमानी ,जल्लाद था – मेरी रानी। और ये है -नमक हराम ,ये देखो दगाबाज, धेाखे बाज । करते हैं -काले धंधे , ये हमारे वंदे- न कि महरवानी । ये हॉरर, ये नफरत और ये रही नादानी -ना-कामी । नर-संहार की बात करें...
by Major Krapal Verma | May 27, 2020 | Hindi Poems
कविता !कोरोना देव ! दुहाई…..दुहाई…..दुहाई….!!!!देखिये, देव ! भागते -जागते बे-चारे … इन्सान को ?उजड़ते…मजदूर-मालिक-और अमीरों को …?बन्द पड़े -शहरों को , शान्त गांवों को ….और मौन घाटियों को ?रोते आसमान को …बरसती आग को …हमारे रौद्र चहरों कोदुहाई, देव …!छोड़ दू –...
by Major Krapal Verma | May 12, 2020 | Hindi Poems
देव दया कीजिए, भगवान् क्षमा कीजिए अब मत बाँटिये मौतें ! उजड़ गई हैं -बस्तियां ,पस्त हो गई हैं -हस्तियाँ ! कोरोना की मार से , डूब गई हैं कस्तियाँ ! चारों और चिपकी है चुप्पी ,खाली पड़ी हैं बस्तियां ! और खाती ख़ामोशी ने , उजाड़ डाली हैं मस्तियाँ ! देव – दो दया ,करो...
by Verma Ashish | Apr 10, 2020 | Hindi Poems
बंद करो कोरोना का रोना मिलो अपने आप से! कोई अच्छा गा सकता है तो कोई अच्छा लिख सकता है कोई पेंटर है कोई कवि कोई भोजन बना सकता है कोई विडिओ कोई सो सकता है आराम भी जरुरी है कोई कसरत कर सकता है समय मिला है मिलो अपने आप से! जो भी भीतर है वही बाहर भी है बहार दुःख है तो दुःख...