by Verma Ashish | Sep 30, 2020 | Hindi Poems
लोकतंत्र तो देश के लिए है! राज नेताओं के लिए नहीं एक पार्टी बना लो उसके फिर कोई नियम नहीं जो मन में आये वो करो! चंदा लो, लोगों से, व्यापारियों से, नौकरी करने वालों से, सरकारी नौकरों को भी उगाही का काम दो! देश को बेच दो, दूसरे देशों से भी चंदा लो, ...
by Major Krapal Verma | Sep 14, 2020 | Hindi Poems
तुम मरणासन्न थे – मैंने तुम्हें दूध पिलाया – जिलाया और बड़ा किया! तुम गुलाम थे – मैंने तुम्हें ज्ञान दिया – स्वतंत्र होने की प्रेरणा दी! तुम समर्थ हुए – मैंने तुम्हें संवाद दिये – तुमने तहलका मचाया – आजाद हुए! अब तुम प्रबुद्ध हो – मैं तुम्हें प्रज्ञा दूँगी – ताकि तुम...
by Major Krapal Verma | Aug 9, 2020 | Hindi Poems
कविता प्रिये तुम पीड़ा हो। आये दिन उत्पात – पड़ौसिन से चलते व्याघात। नजर की छैनी से – मरे कुछ वैंणी सेे। नशीली दवा,तम्बाकू के – पान का बीड़ा हो – प्रिये तुम पीड़ा हो।। प्रिये तुम झाड़ू हो। घर का सुपड़ा साफ – कर गई सखियों की बारात। मंहगाई...
by Major Krapal Verma | Jul 30, 2020 | Hindi Poems
कविता हर बात के विस्तार – बोर करते हैं। सांकेतिक शब्दाेें का जमाना है लेकिन – समस्याओंं के संसार न जाने क्याेें – रो देते हैंं? तुम गरीबी हटाओ – सौभाग्य देवता। हम भी गरीबोंं के साथ हैं – तुम जागती रहना – हमारी सस्कृति – हम...
by Major Krapal Verma | Jul 1, 2020 | Hindi Poems
कविता ओस पी कर दिन जागा है, उजालों से डर कर अंधेरा भागा हैै खामोशी पहरे पर खड़ी है, कोलाहल को दिन सौंपना बाकी है। धुंधलका आन धमका है,साथी अभी भोर होना तो बाकी है। मूंक काफिले बादलों के, रंग रूपहले में बदन बॉधे संघर्षों के साथ उठ चले हैंं, बरसने तक की नियति जीने को...
by Major Krapal Verma | Jun 20, 2020 | Hindi Poems
कविता मरेगे नहीं – मारेंगे । डरेंगे नहीं – डरायेंगे ।। मानते हैं – हमने शीश कटाये थे , उन्हों ने हम पर खूब जुल्म ढाये थे , ठीक है , तोड़े थे – उन्हों ने हमारे मन्दिर , याद आया – इन्हों ने हमारे ग्रन्थ जलाये थे , लेकिन अब नहीं –...