by Verma Ashish | Mar 29, 2016 | From The Books
“बच्चा पैदा होना ही तो .. पुरुष और नारी के संबंधों की पूर्णता का प्रतिक होता है .. प्रताप |” मैने बहुत ही विनम्र स्वर में कहा था | “कौन से संबंधों की बात कर रही हो ..?” प्रताप ने घुर्रा कर पूछा था | “जो हमारे बीच अनजाने में स्थापित हो गए...
by Verma Ashish | Mar 28, 2016 | From The Books
After the lawyer’s long strike the courts have started functioning today. During the strike hardly any business was transacted in the courts. Only a routine was followed. The under trials still went to attend the dates. The cribs and the curses of the under...
by Verma Ashish | Mar 21, 2016 | From The Books
‘लेकिन सच मानो प्रतिमा .. मै तुम्हे ही प्यार करता हूँ!’ प्रभाती लाल फिर प्रतिमा के हातों को छु लेता है| प्रतिमा की आँखों के सामने तिमिर के काले-काले छल्ले छा जाते हैं| अपने हात वापस खिंच … चेहरे को ढांप … प्रभाती लाल के किये दावे को दुहराती...
by Verma Ashish | Mar 19, 2016 | From The Books
‘मै बताना चाहता हूँ .. निवेदिता कि …|’ प्रनभ की जुबान लडखडा गई थी| कालिख के कुएं में दुबका उसका मन आज भी उसको रहस्य उजागर न करने को कह रहा था| लेकिन आज प्रनभ की निवेदिता के प्रति मोह की भावना सक्रिय और सचेत हो उठी थी| ‘मै विवाहित हूँ …!...
by Verma Ashish | Mar 6, 2016 | From The Books
A Major was supposed to die .. die for the national pride .. die encounter insurgency .. die in war .. or sacrifice for any other social cause. But to make money was a sin .. forbidden to army men. It made a perfect news and people were glued to the T.V sets and read...