स्वामी अनेकानंद भाग 35

स्वामी अनेकानंद भाग 35

आज 19 तारीख मंगलवार था। स्वामी अनेकानंद के दरबार में चार बजे शाम का समय निश्चित हुआ था। एक अनुभवी पार्टी कार्यकर्ता की तरह बबलू ने मुकम्मल बंदोबस्त किए थे। पार्टी के सारे कार्य कर्ता, अध्यक्ष और उपाध्यक्षों पर सूचना थी कि आज विलोचन शास्त्री के घर से जुलूस 12 बजे...
स्वामी अनेकानंद भाग 35

स्वामी अनेकानंद भाग 34

प्रतिष्ठा ने पहली बार पहाड़ देखे थे। उसका मन एक अनोखी भव्यता से भर गया था। वह भागी थी – पहाड़ों की कमर पर। वह डोली थी – बर्फ की ऊंची श्वेत धवल श्रेणियों पर। उसने जी भर कर पहाड़ों की पवित्र बयार को पिया था। उसकी निगाहें पहाड़ी सिलसिलों में जा धसी थीं। वह...
स्वामी अनेकानंद भाग 35

स्वामी अनेकानंद भाग 33

चुनावों का भूत बंबई शहर पर बुखार की तरह चढ़ बैठा था। वोटरों की पूछ होने लगी थी। उनकी सुख दुख की चिंता भावी चुनाव प्रत्याशियों को सताने लगी थी। उनकी जरूरतें भी अचानक प्रत्याशियों को याद आने लगी थीं। उन्हें क्या कुछ चाहिए था – उजाले की तरह आलोकित हो उठा था। अचानक...
स्वामी अनेकानंद भाग 35

स्वामी अनेकानंद भाग 32

“पर्ची!” कल्लू अचानक ही आनंद के कमरे में घुस आया था। उसने डाक खाने से लाई पर्ची को आनंद की आंखों के सामने तान दिया था। आनंद को मां और बिल्लू भूली याद की तरह स्मरण हो आए थे। वो जानता था कि वो दोनों उसके भेजे पैसों की आस में जी रहे थे। “एक हजार...
स्वामी अनेकानंद भाग 35

स्वामी अनेकानंद भाग 31

माधव मोची सफेद परिधान में सजा वजा स्वामी अनेकानंद के सामने संस्कार प्राप्त करने आ बैठा था। पांच सितारा होटल – मानस माधव इंटरनैशनल भीड़ से खचाखच भरा था। लोग जिज्ञासु थे ये जानने के लिए कि आखिर स्वामी माधव मोची के बारे क्या भविष्य वाणी करने वाले थे। माधव मोची...
स्वामी अनेकानंद भाग 35

स्वामी अनेकानंद भाग 30

बंगले के द्वार पर पड़े अखबार को बर्फी ने बे मन एक बेगार मानते हुए उठाया था। आनंद के जाने के बाद अब वहां कौन था जिसे अंग्रेजी का अखबार पढ़ना था। लेकिन अखबार लगा लिया था तो अब रोज आ रहा था। बर्फी ने अखबार को बंद करने का निर्णय ले लिया था। लेकिन जैसे ही उसकी निगाह अखबार...