स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

श्याम सरसरी निगाहों से फाइल में जुड़े टूटे विचारों का संग्रह पढ़ता रहा है। बैठा बैठा मैं एक आत्मविश्वास और महानता में तरंगित होता रहा हूँ। मैगजीन से जैसे सारे सर्वनाम और विशेषण भटक कर मुझ में जुड़ते जा रहे हैं। हर सफल इंसान के पीछे छुपी चुप्पी, घुटन, संघर्ष और अनगिनत...
स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

स्नेह यात्रा भाग तीन खंड पांच

“अमेरिका में इस तरह नहीं चलता!” सोफी ने गंभीर स्वर में मुझे एक सफलता की चोटी पर पहुंचे राष्ट्र के जैसे गुप्त भेद बताए हैं। “हिन्दुस्तान ने अमेरिका की तरह नहीं चलना!” मैंने बात काटी है। “समृद्धिशाली बनने के लिए हर राष्ट्र को ..”...
स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

स्नेह यात्रा भाग तीन खंड चार

बाबा के मन में एक आश्वस्ति बोध भर गया है। एक सहम जो उन्हें अब तक खदेड़ता रहा था छट गया है। लगा है वो भी अब आने वाले खतरों का सामना करने के लिए सजग हैं और मुझे प्रगति के रास्ते में खड़ी लालच और भ्रष्टाचार की दीवारें ढा देने के संकेत देकर अब जान जोखिम और लाभ हानि के डर...
स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

स्नेह यात्रा भाग तीन खंड तीन

बाबा शांत कहीं सोचते रहे हैं। मैं अपने आप को अगली बात के लिए तैयार करता रहा हूँ। “देश में अभी खाद्य पदार्थों का अभाव है। पेट भरने के बाद फैशन सूझती है।” “पर आज का समाज बदल गया है। एक युवा स्त्री बिना शक्कर की चाय पी सकती है पर बिना लिपिस्टिक लगाए...
स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

स्नेह यात्रा भाग तीन खंड दो

मेरा विश्वास वापस लौट रहा है और मुझे लग रहा है कि मैं नए आयाम खोज निकालूंगा। मैं एक योजना बना दूंगा जो पुष्ट और सार गर्भित सिद्धांतों पर टिकी अपने आप में श्रेष्ठ और श्रेयस्कर होगी। पता नहीं कहां से बानी ने आ कर मुझे घेर लिया है। मैं इस कॉफी हाउस की ख्याति और उप देयता...
स्नेह यात्रा भाग तीन खंड छह

स्नेह यात्रा भाग तीन खंड एक

यह कनाट प्लेस का विख्यात कॉफी हाउस है। मुझे लग रहा है कि उसमें उमड़ती असंख्य भीड़ देश की उमड़ती आबादी का कीर्तिमान है। कहां से आएंगे इतने जॉब? कैसे कमा पाएंगे हम इतने भूखे पेटों के लिए? ये बेतुके सवाल मेरे अंत: से उठ कर कोका कोला के उबलते झागों में मिल गए हैं और शांत...