by Major Krapal Verma | Oct 4, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
पंडित हेम चंद्र के अचानक कही चले जाने पर सुलतान शेर शाह सूरी बेहद प्रसन्न था। उसका होंसला अब बुलंद था। अब तक की प्राप्त उसकी उपलब्धियां कम न थीं। और पंडित जी भी उसे सब कुछ देकर ही गये थे। अब तो वह हर तरह के राज काज ओर युद्ध कोशल में प्रवीण था। अब तो उसके नाम से ही...
by Major Krapal Verma | Sep 30, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“ये तो बाबर से भी बड़ा शैतान है!” लोगों में चर्चा चल पड़ी थी। “चुन चुन कर काटा है राजपूतों को! औरतों और बच्चों को भी नहीं बख्शा!” लोग बतिया रहे थे। “ये तो हिन्दुओं का सबसे बड़ा जानी दुश्मन है।” लोग मान बैठे थे। “ये पंडित हेम...
by Major Krapal Verma | Sep 28, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
रेगिस्तान की सारी जिल्लतें किल्लतें झेलता, भूख प्यास से जूझता और शेर खान के खतरे से भयभीत हुआ हुमायू अपने दल के साथ किसी तरह भक्कर पहुंचने में समर्थ हो गया था। “हम आपका राज्य लेना नहीं चाहते। हमें चंद दिनों के लिए शरण चाहिए। इसके उपरांत हम गुजरात चले जाएंगे। आप...
by Major Krapal Verma | Sep 25, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“शेर खान कोई शेर नहीं है!” लाहौर में सुरक्षित पहुंचा हुमायू अपने भाइयों के बीच बैठा बता रहा था। “अगर हम सब मिल कर लड़ते तो हरगिज न हारते!” उसने दावा किया था। “ये शेर खान की नहीं ये जीत उस तिलक धारी पंडित की है – हेम चंद्र की। इसे...
by Major Krapal Verma | Sep 19, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“हुमायू कहां है?” हेमू राजा गजपथ से प्रश्न कर रहा था। राजा गजपथ को हेमू ने हुमायू को जिंदा या मुर्दा पकड़ने की खास हिदायत दी थी। लेकिन राजा गजपथ शर्मिंदा हुए हेमू के सामने आँखें नीची किये खड़े थे। “क्या बताऊं सुलतान सांप न जाने कब अंधेरे में सरक...
by Major Krapal Verma | Sep 15, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“क्यों किये थे संधि पर हस्ताक्षर, सुलतान?” हेमू ने शेर खान पर सीधा प्रश्न दागा था। जैसे कोई मुजरिम से सत्य उगलवाने का प्रयत्न करे, हेमू का वही इरादा था। शेर खान को पहली बार एहसास हुआ था कि वो सामने प्रश्न पूछता पंडित, उसके ललाट पर लगा सफेद चंदन का टीका और...