हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

पंडित हेम चंद्र के अचानक कही चले जाने पर सुलतान शेर शाह सूरी बेहद प्रसन्न था। उसका होंसला अब बुलंद था। अब तक की प्राप्त उसकी उपलब्धियां कम न थीं। और पंडित जी भी उसे सब कुछ देकर ही गये थे। अब तो वह हर तरह के राज काज ओर युद्ध कोशल में प्रवीण था। अब तो उसके नाम से ही...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग चौरासी

“ये तो बाबर से भी बड़ा शैतान है!” लोगों में चर्चा चल पड़ी थी। “चुन चुन कर काटा है राजपूतों को! औरतों और बच्चों को भी नहीं बख्शा!” लोग बतिया रहे थे। “ये तो हिन्दुओं का सबसे बड़ा जानी दुश्मन है।” लोग मान बैठे थे। “ये पंडित हेम...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग तिरासी

रेगिस्तान की सारी जिल्लतें किल्लतें झेलता, भूख प्यास से जूझता और शेर खान के खतरे से भयभीत हुआ हुमायू अपने दल के साथ किसी तरह भक्कर पहुंचने में समर्थ हो गया था। “हम आपका राज्य लेना नहीं चाहते। हमें चंद दिनों के लिए शरण चाहिए। इसके उपरांत हम गुजरात चले जाएंगे। आप...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग बयासी

“शेर खान कोई शेर नहीं है!” लाहौर में सुरक्षित पहुंचा हुमायू अपने भाइयों के बीच बैठा बता रहा था। “अगर हम सब मिल कर लड़ते तो हरगिज न हारते!” उसने दावा किया था। “ये शेर खान की नहीं ये जीत उस तिलक धारी पंडित की है – हेम चंद्र की। इसे...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग इक्यासी

“हुमायू कहां है?” हेमू राजा गजपथ से प्रश्न कर रहा था। राजा गजपथ को हेमू ने हुमायू को जिंदा या मुर्दा पकड़ने की खास हिदायत दी थी। लेकिन राजा गजपथ शर्मिंदा हुए हेमू के सामने आँखें नीची किये खड़े थे। “क्या बताऊं सुलतान सांप न जाने कब अंधेरे में सरक...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचासी

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग अस्सी

“क्यों किये थे संधि पर हस्ताक्षर, सुलतान?” हेमू ने शेर खान पर सीधा प्रश्न दागा था। जैसे कोई मुजरिम से सत्य उगलवाने का प्रयत्न करे, हेमू का वही इरादा था। शेर खान को पहली बार एहसास हुआ था कि वो सामने प्रश्न पूछता पंडित, उसके ललाट पर लगा सफेद चंदन का टीका और...