हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

पुर्तगालियों का आगमन पूरे बुंदेलखंड के लिए एक महत्वपूर्ण खबर थी। कुछ नया – नायाब और अनूठा होगा – यह सब ने मान लिया था। सब जानते थे कि हारे थके शेर शाह सूरी के थके बाहुबल ने पुर्तगालियों को मदद के लिए बुलाया था। “कालिंजर तो क्या समूचा बुंदेलखंड खंड...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग छियानबे

“अगर पुर्तगालियों से बात न बनी तो?” प्रश्न केसर ने किया था। वह चिंतित थी। “पुर्तगाली तो सौदागर हैं केसर!” हेमू ने भी अपने विचार बताए थे। “अगर शेर शाह ने उन्हें कोई मोटा लालच दे दिया तो हमें बकरा बना देंगे!” वह तनिक मुसकुराया था।...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचानवे

शहंशाह शेर शाह सूरी का कलाकृति को पा लेने का सपना महोबा की गलियों में कहीं बिखर गया था। दो माह होने को थे लेकिन अभी तक महाराजा कीरत सिंह की सेनाएं मुकाबले के लिए नहीं पहुंची थीं। सुलतान की उम्मीद के खिलाफ उनका कोई संधि संदेश भी नहीं पहुंचा था। उनकी आशा के विरुद्ध...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग चौरानवे

उदास निराश आंखों से हेमू देख रहा था दिल्ली को! बादशाह शेर शाह सूरी की आकांक्षा एक तूफान बन कर उठ खड़ी हुई थी। दिल्ली में पैदा हुआ ये तूफान एक टिड्डी दल की तरह बुंदेलखंड की ओर चल पड़ा था। अफगान, मुगल, तुर्क और कबाइली मिलकर अब बुंदेलखंड को लूटने, तबाह करने और बेइज्जत...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग तिरानवे

“सुना है पंडित हेम चंद्र तिल तिल कर मर रहे हैं। काया गल रही है। काया गल रही है दिन दिन और ..” जौनपुर से लाव लश्कर लेकर आये आजम हुसैन अपने साथी अमीर उलेमाओं को बता रहे थे। कालिंजर पर हमला हो रहा था – ये किसी उत्सव से कम न था। बड़ी मुद्दत के बाद अब आ...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग सत्तानवे

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग बानवे

कालिंजर का किला और महोबा बुंदेलखंड की महाराजा कीरत सिंह की रियासत अब शेर शाह सूरी की आंखों में खटक रही थी। राजा वीर भान सिंह के कालिंजर जाने के बाद से और अभी तक कलाकृति के ना आने के सबब शहंशाह को दिन रात सता रहे थे। जहां उनका पुराना सपना टूट रहा था वहीं नया सपना सामने...