हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

इस्लाम की पांच सल्तनतों का जुल्म सहते सहते उदास, निराश और परास्त भारत में पहली बार पुरवाया सासाराम से उठकर चारों ओर फैलने लगा था। देश को एक उसांस आई थी। एक सर कटने का भय जाता रहा था। लूटपाट थम गई थी। कत्लेआम रुक गए थे। बहन बेटियां घर से बाहर आने लगी थीं। जनमानस की...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ आठ

47 साल के हुमायू एक लंबी जद्दोजहद के बाद लौटे थे और अब दिल्ली के तख्त पर आसीन थे। अकबर अभी कुल 13 साल का था। हुमायू को याद आ रहा था कि किस तरह अब्बा हुजूर ने दिल्ली आगरा फतह करने के बाद ही उसे कालपी पर आक्रमण करने के लिए भेजा था। लेकिन अकबर .. बड़ा मन था हुमायू का कि...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ सात

14 साल की जद्दोजहद के बाद आज 15 नवंबर 1954 में बादशाह हुमायू ने फिर एक बार अपने अब्बा जहीरुद्दीन बाबर के सपने को आंखें भर भर कर देखा था। हिन्दुस्तान फिर उसे एक बार पुकार बैठा था। जहां हुमायू अपने ही मुगलों से लड़ लड़ कर थक गया था वहीं अफगान भी आपस में लड़ लड़ कर चुक...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ छह

बंगाल की राजधानी गौर में सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य की सवारी निकल रही थी। लोगों को पता चल गया था कि हेमू जो अभी तक पंडित हेम चंद्र था अब वही सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य था। हिन्दू राष्ट्र की घोषणा कर दी गई थी। लोगों पर सूचना थी कि यहां से आगे अफगानों का शासन...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ पांच

आदिल शाह सूरी को अंततः युद्ध में परास्त कर इब्राहिम शाह सूरी की सल्तनत कायम करने की कामना पर तुषारापात हुआ लगा था। उसे जो सूचनाएं मिल रही थीं बहुत भ्रामक थीं। कई बार उसने सोचा भी था कि ये अफवाहें थीं, लेकिन अब तो पुष्ट प्रमाण भी उसके सामने थे। हाथी, घोड़े, तोपखाना और...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ नौ

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग एक सौ चार

देर रात गये यों अंगद का आगमन रहस्यमय था। हेमू की ही नहीं केसर की नींद भी उड़ गई थी। उन दोनों के चेहरों पर चिंता रेखाएं खिची थीं। दोनों आये अंगद को अपलक देख रहे थे। और अंगद था कि उसके पास पहुंचे उन पुष्ट प्रमाणों को उजागर करने से पहले झिझका खड़ा था। सूचना ही कुछ अजीब...