by Major Krapal Verma | Feb 4, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
बख्शी-ए-मलिक पीर मुनीर का आना एक खास मकसद का संकेत था। उनका आना तभी होता था – जब सल्तनत में भारी उथल-पुथल होनी होती थी। चूंकि अब ग्वालियर पर हमला होना था अतः सभी तैयार थे आदेश लेने के लिए! सूरज के उगते ही मेला जैसा भर गया था। सल्तनत के सभी प्रांत प्रदेशों से...
by Major Krapal Verma | Jan 30, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
ग्वालियर नरेश महाराजा मान सिंह की मृत्यु की खबर एक खुश खबरी की तरह फिजा पर फैल गई थी और कयास लगाए जा रहे थे कि इस्लाम शाही का परचम अब पूरे हिन्दुस्तान पर फहराएगा! सिकंदर लोधी एक खुश नसीब बादशाह था – ये मान लिया गया था! हिन्दुओं के साथ हुए जोर-जुल्म पर अब मिट्टी...
by Major Krapal Verma | Jan 29, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“बिन बुलाए ही चला आया!” अब्दुल कह रहा था। वह शोरे का व्यापारी था। “माफी चाहता हूँ शहजादे सुलतान!” उसके चेहरे पर एक चुहल धरी थी। हेमू ने अचानक महसूसा था कि जब से बादशाह सिकंदर लोधी ने उसे अपनी खिदमत के लिए चुना है – तभी से उसके खिदमतगार...
by Major Krapal Verma | Jan 27, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
सिकंदर लोधी दरबार महल में बैठे अब अपने अमीर-उलेमाओं से मुलाकात कर रहे थे। कई निर्णय थे – जो उन्हें अभी भी लेने थे! एक जाता तो दूसरे के मिलने की आवाज आती। जहॉं आने वाला कुछ पा कर खुश दिखाई देता वहीं मिलने जाता कहीं कांप रहा होता! राज शाही का दस्तूर अलग ही होता...
by Major Krapal Verma | Jan 21, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
फारस से पधारे विद्वानों ने आज के दिन को अल्लाह की इबादत और लोधियों के लिए मुबारक मौका बताया था! किसी भी हिन्दू पंडित या विद्वान की उपस्थिति को आवश्यक नहीं माना था! पूरा का पूरा इबादत गाह सुन्नी मुसलमानों से खचा-खच भरा था! फारसी विद्वानों के लिहाज से लोधियों के लिए ये...
by Major Krapal Verma | Jan 16, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
दिल्ली में दीवाली मनाई जा रही थी! 1571 से समय ने लोधी साम्राज्य के लिए सौभाग्य के दरवाजे खोल दिये थे। सिकंदर लोधी का उत्साह आसमान छू रहा था। उसे अल्लाह ने अनहोनी नियामत बख्शी थी। मात्र महाराजा मान सिंह ग्वालियर के शासक की मौत के संदेश ने दिल्ली में घी के चिराग जला...