हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

“क्या था .. जो मेरे पास नहीं था?” एक लंबी सोच विमोच के बाद सुलतान इब्राहिम लोधी ने स्वयं से ही प्रश्न पूछा था। खतौली में हुई करारी हार कांटे की तरह चुभ रही थी उसे! “हेमू ..!” एक छोटा सा बारीक उत्तर उसके दिमाग में टपका था! आया उत्तर सुलतान...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग चौवन

शेख शामी सपरिवार बिहार जा रहे थे। सिकंदर लोधी की अता की जागीर उन्हें मिल गई थी। सासाराम के साथ ही उनकी जागीर थी – परेली। धनाढ्यों का इलाका था। शेख शामी मालामाल तो हो ही जाने थे, साथ में उन्हें और भी बहुत सारी सहूलियतें मिल जानी थी। उन्हें तीस हजार सैनिक रखने और...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग तिरेपन

इब्राहिम लोधी को आज लोधी सल्तनत का तीसरा सुलतान चुना गया था। दरबार में भीड़ बहुत थी। सारे अफगान सरदार और जागीरदार जमा थे। सभी ने अपने अपने मनसूबे कांख में दबाए थे और इससे पहले कि इब्राहिम लोधी को वो सुलतान मान लें – अपनी मांगें मनवा लेना चाहते थे! सब एकजुट थे,...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग बावन

“आगरा आने का फरमान है – आपके लिए!” हरकारा सुबह सुबह ही सूचना लेकर आन पहुंचा था। “फौरन आने को कहा है – सुलतान ने!” बात स्पष्ट कर दी गई थी। कुल एक रात ही तो गुजरी थी केसर के साथ। “जाना तो पड़ेगा केसर!” अंगड़ाई तोड़ते हुए...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग इक्यावन

केसर का आगमन एक घटना थी जिसे देखने नर नारियों के हुजूम जुड़ गये थे! और कमाल ये था कि पार्वती ने केसर को सात तालों के भीतर बंद कर दिया था। हेमू ठगा सा पार्वती के चालाक चेहरे को देखता ही रहा था। “ये कोई बादल गढ़ नहीं है!” पार्वती ने हेमू को फटकार दिया था।...
हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचपन

हेम चंद्र विक्रमादित्य भाग पचास

केसर की ढाणी में दंगल जुड़ा था! अषाड़ के पहले सप्ताह में हर वर्ष केसर की ढाणी में दंगल लगता था और ये एक संयोग ही था कि हेमू का गौना इसी सप्ताह में आ पड़ा था। सारे आगंतुकों को दंगल देखने का निमंत्रण था। हेमू को भी आग्रह पूर्वक बुलाया गया था! बहुत रौनक थी। दूर दूर से...