by Major Krapal Verma | May 24, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
“मैंने इस काफिर का लाहौर में घुसने से पहले ही सर कलम करा देना है!” लाहौर के परिवार में गरमा गरम बहस छिड़ी थी। “इस हिन्दू की .. ये हिम्मत कि ..!” तातार खान कह रहा था। “इसी ने सारा खेल बिगाड़ा है!” वह हाथ फेंक फेंक कर रोष जाहिर कर रहा...
by Major Krapal Verma | May 20, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
राजपूतों के हाथों दूसरी करारी हार होने के बाद भी इब्राहिम लोधी का हिन्दुस्तान पर लोधी वंश का परचम फहराने का ख्वाब टूटा न था। जलाल का सर हासिल करने के बाद उसे अपनी अगली मुसीबतों का अंत आ गया लगा था। कादिर कहीं उसे बड़े काम का आदमी लगा था। उसका अफगान होना और होनहार होना...
by Major Krapal Verma | May 17, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
हेमू ने जो कारनामा कर दिखाया था – इब्राहिम लोधी को बहुत भा गया था। यूं सहज में शहजादे की बंद छुड़ाकर और मामूली हरजाना दे कर राणा को मना लेना एक महत्वपूर्ण घटना थी। इब्राहिम समझ रहा था कि हठीला राणा बातों से शायद ही मानेगा। पर हेमू बडी ही चतुराई से पत्थर के नीचे...
by Major Krapal Verma | May 15, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
केसर चित्तौड़गढ़ से एक बेटी की तरह विदा हुई थी। केसर की ढाणी वाला दृश्य ही लौट आया था जैसे – हेमू विश्वास ही नहीं कर पा रहा था। सजल आंखों से केसर को विदा करती रानियां, महारानियां और सारी सहेलियां अपनी प्यारी पदमावत को एक अनजान परदेसी के साथ विदा कर रही थीं और...
by Major Krapal Verma | May 10, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
हेमू ने महाराणा सांगा के दरबार में प्रवेश किया था। आश्चर्य चकित हेमू समझ ही न पा रहा था कि पहले वो क्या देखे, किसे सराहे, किससे बतियाए या कि किसका हो जाए? वहां तो सब कुछ ही बेजोड़ था – दर्शनीय था और था सब गरिमामय और शाही आन बान शान में गर्क और सराहनीय! हेमू की...
by Major Krapal Verma | May 8, 2021 | हेम चंद्र विक्रमादित्य
हेमू मारवाड़ जा रहा था – ये दिल्ली और आगरा में हर कोई जान गया था और हेमू मारवाड़ आ रहा था – ये भी चित्तौड़गढ़ का बच्चा बच्चा जान गया था। किस लिए हेमू मारवाड़ जा रहा था – केवल कयास लगा रहे थे लोग! “मुझे क्यों कांटों में घसीट रहे हो...