by Major Krapal Verma | Oct 7, 2024 | रजिया
“जालिम ..?” लैरी ने पुकारा है तो मैं अपनी डैस्क से उछल पड़ती हूँ। “पूरा नहीं हुआ हुलिया?” वह पूछ रहा है। रात का एक बजा है। पूरा अमरीका सो रहा है। लेकिन हमारा रतजगा चल रहा है। जालिम को लेकर हम कितने भयभीत हैं – कोई हम से पूछे। “कुछ...
by Major Krapal Verma | Aug 5, 2024 | राम चरण
आठ दिसंबर सुबह की फ्लाइट पकड़ कर जब जन्मेजय काशी चला गया था तो राम चरन की जान में जान लौट आई थी। सुंदरी और भाभी जी श्याम चरन के बर्थडे डे की तैयारियों में नाक तक डूबी थीं। भाभी जी घर पर ही केक बना रही थीं। सुंदरी ने अपनी सारी दोस्तों को फोन पर सूचना दे बुला लिया था।...
by Major Krapal Verma | Aug 5, 2024 | राम चरण
राम चरन घोड़े बेच कर सो रहा था। “क्या हुआ?” सुंदरी उसे झिंझोड़ कर जगा रही थी। “कित्ते बार कहा है कि ..” वह राम चरन के काम को कोस रही थी। “उठो-उठो! नौ बज गए।” राम चरन ने आंखें खोली थीं। सुंदरी सामने थी लेकिन उसे दिखाई न दे रही थी। वह...
by Major Krapal Verma | Aug 4, 2024 | राम चरण
हैदराबाद को देख राम चरन को लग रहा था जैसे दो विपरीत विचारधाराएं जन्म ले चुकी हैं और शहर में दोनों समानान्तर बह रही हैं। राष्ट्र प्रेम की पवित्र विचारधारा का प्रतीक सुमेद का क्रांति वीर संगठन सर उठाए पूरे हैदराबाद पर हावी होता जा रहा था। होने वाले सम्मेलन में पूरे भारत...
by Major Krapal Verma | Aug 3, 2024 | राम चरण
राम चरन आया था तो उन दोनों की अभिलाषाओं के चिराग रोशन हो उठे थे। “सॉरी सर, लेट हो गया।” राम चरन ने माफी मांगी थी। “वो काम ही इतना है कि ..” उसने अपनी व्यस्तता बखानी थी। “कबाब ठंडे हो गए हैं।” रोजी ने शिकायत की थी। वो तीनों जोरों से...