by Major Krapal Verma | Dec 7, 2024 | रजिया
“माइक ..! माइक ..! माइक ..!” कहकर मैंने जाेराें से टेबुल पर मुक्के मारे हैं। क्राेध का एक सागर मेरे हिये में हिलाेरें ले रहा है। एक निराशा है जाे मुझे इस सागर में डुबाेए दे रही है। एक ग्लानि है – असफल हाे जाने की ग्लानि, जाे मेरा गला घाेंट देना चाहती...
by Major Krapal Verma | Dec 5, 2024 | रजिया
मैं फिर से एक खयाल के साथ लाैट आई हूॅं। जालिम का नशा फिर से मेरे दिमाग पर तारी है। “पागल हाे जाऒगी इस जालिम का पीछा करते-करते।” राॅबर्ट मुझे काेस रहा है। “यह भी काेई सनक हुई यार?” वह मेरी आंखाें में देखता है। “लाेगाें काे प्यार में पागल...
by Major Krapal Verma | Oct 29, 2024 | रजिया
“जैसे ही जफर ने तुम्हें अमेरिकन जासूस कहा था और बांहाें में भरने चला था, वह सही वक्त था उन तीनाें काे शूट करने का।” डैडी सर राॅजर्स साेफी काे समझा रहे हैं। “कुछ कमजाेरियां हाेती हैं। ये मानव मन की आम कमजाेरियां हैं, साेफी।” उन्हाेंने कहीं दूर...
by Major Krapal Verma | Oct 24, 2024 | रजिया
“खबर पढ़ते ही मैं तुम्हारे पास दाैड़ी-दाैड़ी चली आई हूॅं। मैं हांफते कांपते स्वर में उन तीनाें पकड़े गए आतंकवादियाें काे सूचना देती हूॅं। “जैसे ही मुझे पता चला कि ..” “पर तुम ताे अमरीकन हाे?” अरमान अली बीच में ही बाेल पड़ा है। यह इन...
by Major Krapal Verma | Oct 14, 2024 | रजिया
“रूस का हवाई अड्डा तबाह कर दिया है।” मिली सूचना मेरी डेस्क काे हिला कर धर देती है। मैं विस्तार से लिखी खबर काे ध्यान से पढ़ती हूॅं। लगता है जैसे किसी ने वर्षाें पहले से इस घटना काे साेचा हाेगा, संजाेया हाेगा और फिर आकर इसे अंजाम दिया हाेगा। “इस तबाही...