by Major Krapal Verma | Dec 29, 2024 | रजिया
केवल हिन्दी का हथियार हाथ में पकड़े वह भारत चली आई थी। “सोफी!” एक अति आत्मीय आवाज फोन पर गूंजी थी। “आ जाओ मेरे साथ। मैं दक्षिण भारत के टूर पर हूँ। बाई गॉड सोफी यू वुंट बिलीव इट ..!” रॉबर्ट बोल रहा था। “नहीं!” सोफी का दो टूक उत्तर...
by Major Krapal Verma | Dec 26, 2024 | रजिया
स्काई लार्क को ले कर सर रॉजर्स का नाम एक बार फिर उठ खड़ा हुआ था। और सर रॉजर्स भी एक बार फिर जैसे नींद त्याग कर उठे थे और अब युद्ध के लिए तैयार थे – तत्पर थे। न जाने कैसे फिर से एक बार उनका मन अमेरिका के लिए लड़ने का बन गया था। एक नई चुनौती को उन्होंने ओट लिया...
by Major Krapal Verma | Dec 24, 2024 | रजिया
“धांय, धांय, धांय।” जौहर ने गोलियां चलाई हैं – अनगिनत गोलियां। खूब जम कर खून खराबा हुआ है। “मैं जालिम हूँ।” उसने ऐलान किया है। “मैं दुनिया से जुल्म को खत्म ही करके दम लूंगा।” उसका कहना है। “हिम्मत है तो मुझे मारो।”...
by Major Krapal Verma | Dec 18, 2024 | रजिया
लैरी आ रहा था। सर राॅजर्स के दिमाग में लैरी एक युग की तरह लाैट रहा था। बीते युग की तरह। उन्हें रह-रह कर आज अपना वही स्वागत समाराेह याद आ रहा था जाे लैरी ने बड़ी ही श्रद्धा के साथ आयाेजित किया था। देश और समाज ने सच्चे मन से उनका आदर किया था। उनके किस्से कहानियां पढ़े...
by Major Krapal Verma | Dec 15, 2024 | रजिया
सोफी का मन बहुत अशांत था। लैरी कल ब्रेकफास्ट पर आ रहा था। लैरी ने सब कुछ तय कर लिया था। लेकिन एक वह थी कि अभी तक कुछ भी तय न कर पाई थी। और एक रॉबर्ट था जो पैर में चुभते कांटे की तरह उसे लगातार काट रहा था। रॉबर्ट के साथ जिया विगत अब सोफी को साल रहा था – सता रहा...