पिताजी तुम्हारी

याद सताई

तुम्हारी याद

में आँखे

नम हो आईं

अच्छा न लगा

तुम्हारा यह

फैसला हमें

पर ईश्वर के

आगे किस

की चल

पाई

मन जानता

है

आपका

वक्त

कठिन बीत

रहा होगा

हिम्मत रखना

ऊपर वाले

के यहाँ

सबकी सुनवाई

आऊँगी मैं

पिताजी तुमसे

मिलने

जहाँ बिठा

आपको

मेरा मायका

बनाया है

रब ने।

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