
रे ! जासूस ….?
कुलभूषण की व्यथा-कथा एक सैनिक के कण-कण से गुजरता वो रुधिर है जिस में देश-भक्ति का अमूल्य जज्बा अमल में लाना होता है ! जान किसे प्यारी होती है ? देश की इज्जत के लिए , सुरक्षा के लिए …और भविष्य के लिए कुछ इस तरह के खेल खेले जाते हैं जिन्हें समझना आसान नहीं होता !
पढ़ें उपन्यास – ज्वालामुखी ! मेजर शशिकांत की कथा-व्यथा और …उस की बेजोड़ बहादुरी – जो दुनियाँ के किसी भी कुलभूषण जैसे वीर से जोड़ नहीं हारती !!
देश-भक्ति के प्रति अब हम सब को सचेत हो कर जीना होगा। वरना ……..