राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

पुरवाया छूट गया था। आसमान पर बैठे बादल छितराने लगे थे। मंदिर के परिसर में भक्तों की भीड़ भरने लगी थी। राम चरन को परिवार के साथ आया देख पंडित कमल किशोर प्रसन्न हुए थे। वो राम चरन का बहुत आभार मानते थे। “आइए-आइए।” पंडित कमल किशोर ने श्याम चरन को आगोश में...
राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

राम चरन भाग एक सौ पच्चीस

राम चरन ने जब आंखें खोली थीं तो सुंदरी उसका सर सहला रही थी। “भाई साहब आए थे। सुंदरी ने धीमे से बताया था। “बदन छू कर बोले थे – इट्स फटीग। बहुत काम करते हैं।” सुंदरी तनिक मुसकुराई थी। “कह रहे थे – इन्हें आराम करने को कहो।” राम...
राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

राम चरन भाग एक सौ चौबीस

उस रात के अवसान में निपट अकेला मुनीर खान जलाल संघमित्रा के ख्वाबों में खाेया था। मंदिर बंद था। गरमी का मौसम था। रात बहुत बीत गई थी। लेकिन राम चरन की आंखों में न तो नींद थी और न उदासी थी। निरी निराशा ही थी जो उसे सता रही थी। घर जाने का उसका मन ही न हो रहा था। एक अजीब...
राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

राम चरन भाग एक सौ तेईस

लाख कोशिश करने के बाद भी जुनैद संघमित्रा और मुनीर खान जलाल की मुलाकात नहीं करा पाया था। घोर निराशा में डूबा मुनीर खान जलाल अपने आप पर लानत भेज रहा था। उसे बड़ा क्रोध चढ़ आया था। वह किसी भी कीमत पर संघमित्रा को हासिल कर लेना चाहता था। वह चाहता था कि संघमित्रा के साथ वह...
राम चरन भाग एक सौ छब्बीस

राम चरन भाग एक सौ बाईस

रात ढलने को थी। राम चरन अभी भी गर्भ गृह में बैठा था। पूरी ढूंढ खखोर के बाद उसे एक ही बात वाजिब लगी थी। संघमित्रा और कहीं नहीं – यू एस में थी। सुमेद भी शायद वहीं था और उसके दोनों परिवार भी यू एस में ही थे। “जुनैद!” राम चरन ने हिम्मत बटोर कर यू एस में...