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स्पाई फ्रंट ऑपरेशन को लेकर बोर्ड के पांचों मैंबर अर्धरात्रि के अवसान पर कॉनफ्रेंस रूम में चुपचाप बैठे थे। कमरे में प्रशांत खामोशी भरी थी लेकिन उन पांचों के दिमाग लगातार एक ही गीत की धुन को सुनते चले जा रहे थे। हम मेहनत कश इस दुनिया से अब अपना हिस्सा मांगेंगे, एक बाग...				
					
			
					
											
								 
							
					
															
					
					 by Major Krapal Verma | Aug 2, 2025 | रजिया
“हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेंगे! एक बाग नहीं, एक खेत नहीं हम सारी दुनिया मांगेंगे!” लंदन के क्षितिज पर चढ़ कर यह गीत लहरी लगातार बज रही थी। लंदन में होते महा सम्मेलन के उपलक्ष में दुनिया को खुला संदेश जा रहा था कि इस महा रैली का उद्देश्य...				
					
			
					
											
								 
							
					
															
					
					 by Major Krapal Verma | Jul 27, 2025 | रजिया
आज समर कोट लौटते जालिम का मन लौटना न चाहता था। वह तो कभी दिल्ली तो कभी हैदराबाद की गलियों में डोल रहा था। न जाने क्यों जालिम का मोह दिल्ली में फस गया था। दिल्ली युगों से चली आ रही एक सांस्कृतिक धरोहर जैसी थी। न जाने यहां कितने आए और कितने गए। कौन जीता – कौन...				
					
			
					
											
								 
							
					
															
					
					 by Major Krapal Verma | Jul 25, 2025 | रजिया
“सो द ट्राएंगल इज क्लोज्ड।” सर रॉजर्स ने हंसते हुए कहा था। “पहली जीत है।” उन्होंने पुष्टि की थी। “अमेरिका जालिम के घर में घुस गया।” वो जोरों से हंसे थे। “कहां जाएगा जालिम ..?” “पर पकड़ा जाए तभी है।” बरनी ने...				
					
			
					
											
								 
							
					
															
					
					 by Major Krapal Verma | Jul 11, 2025 | रजिया
“जस्ट फ्यू मंथ्स माेर।” जालिम ने राेलेंडाे की आवाज सुनी थी। अभी 9 दिसंबर था। 19 अप्रेल के आने में समय था। उससे पहले ताे 36 हजार टन ड्रग्स का कंसाइनमेंट जालिम के पास पहुंच जाना था – यह जालिम का अनुमान था। 19 अप्रेल की जन क्रांति में 36 हजार टन के...