राम चरन भाग साठ

राम चरन भाग साठ

सुनहरी लेक कॉम्पलैक्स के आलीशान ऑफिस में राम चरन अकेला बैठा था। ऑफिस एक दम मॉडर्न बना था। व्यापार की हर सुख सुविधा का ध्यान रख कर ही ऑफिस तैयार हुआ था। ऑफिस के बोर्ड पर सुनहरी लेक कॉम्पलैक्स का नक्शा टंगा था। राम चरन को नजर उठाते ही सब कुछ दिखाई दे जाता था। बाहर...
राम चरन भाग साठ

राम चरन भाग उनसठ

आने वाले इतवार को सुनहरी लेक कॉम्पलैक्स के उद्घाटन होने की उद्घोषणा हुई थी। समारोह को संपन्न करने की जिम्मेदारी सुंदरी और राम चरन की थी। इंद्राणी ने चीफ गैस्ट होना था, तो कुंवर साहब की उपस्थिति अनिवार्य थी। बाकी सब तो फेमस और डाई हार्ड आने थे। मुख्यतया तो कैपिटलिस्ट,...
राम चरन भाग साठ

राम चरन भाग अट्ठावन

राम चरन अकेला था। सुंदरी सात सतियों की समाधि पर जल चढ़ाने चली गई थी। अचानक ही राम चरन सतियों के बारे में सोचने लगा था। सती होना, पतिव्रता होना और एक पुरुष के नाम पर ही जीवन जीना हिंदू स्त्रियों का आभूषण माना जाता था। सुंदरी भी एक हिंदू स्त्री थी। वह विधवा थी। फिर वह...
राम चरन भाग साठ

राम चरन भाग सत्तावन

कुंवर साहब और इंद्राणी ने जन्मेजय को सुंदरी की शादी की सारी हदें समझा दी थीं। सुंदरी की शादी होने की सुगंध डब्बे में बंद रखनी थी – जन्मेजय को याद था। उसे ये भी याद था कि राम चरन कौन था, क्या था का प्रश्न नहीं पूछा जाना था। जन्मेजय ने भी सारा शादी का समारोह नए...
राम चरन भाग साठ

राम चरन भाग छप्पन

रमा के आगमन पर राजेश्वरी का मन बल्लियों कूदा था। सुमेद की सफलता के किस्से वह हर किसी को सुनाना चाहती थी। “अच्छा हुआ तू चली आई!” राजेश्वरी ने रमा को बांहों में भर कर कहा था। “अरे तूने जो सुमेद की पोशाकें बनाई हैं – खूब जमा है! लोगों के ठट के ठट...