राम चरन भाग चौरासी

राम चरन भाग चौरासी

बहुत बड़ी सोच समझ के बाद भी राम चरन की समझ में न आ रहा था कि रंजीत गौढ से मिलने पर उन्हें क्या गिफ्ट दें? अंत में उन्होंने सुनहरी लेक कॉम्प्लैक्स का ब्रोशर साथ ले जाने का निर्णय लिया था। आज की उसकी लड़ाई एक विशुद्ध ज्ञानी के साथ थी। रंजीत गौढ जैसे ब्राह्मणों के हाथ...
राम चरन भाग चौरासी

राम चरन भाग तिरासी

राम चरन डरा हुआ था। रंजीत गौढ से मुलाकात का मतलब था – हिन्दुस्तान के पूरे के पूरे खुफिया तंत्र की नब्ज पर उंगली। रंजीत गौढ ने हाल ही में एक जासूसी गिरोह को पकड़ा था और खुलासा किया था .. “एवरी थिंग इज फेयर इन लव एंड वॉर!” राम चरन ने अपने गुरु मंत्र का...
राम चरन भाग बयासी

राम चरन भाग बयासी

दुबई लौट कर राम चरन को लगा था जैसे वह जहन्नुम से भाग जन्नत में पहुंच गया था। एक खतरनाक सोच था – सब को तबाह कर खलीफात कायम करना। न जाने क्यों आज वह इस सोच को छूना तक न चाहता था। वह चाहता था कि अगर वो सुबह-सुबह का देखा स्वप्न सच हो जाए तो ..? कहते तो हैं कि सुबह...
राम चरन भाग बयासी

राम चरन भाग इक्यासी

सब कुछ वही था। द्वीप के चारों ओर समुंदर के विस्तार बिखरे थे। सघन वन से आच्छादित द्वीप दुलहन जैसा लग रहा था। सतरंगी रोशनी ने हर दिशा को सजा दिया था। आसमान पर आज नए सितारे चमक रहे थे। नया उल्लास था, नई उमंगें थीं और इस्लाम का परचम पूरे विश्व पर फहरा रहा था। मुनीर खान...
राम चरन भाग बयासी

राम चरन भाग अस्सी

चिराग ऑडीटोरियम आगंतुकों से खचाखच भरा था। प्रशांत खामोशी थी। वही आवाज लौटी थी। “केवल और केवल कोरे कागज पर ही लिखी जा सकती है कोई इबारत! कच्ची उम्र में ही हम इन्हें अपने उसूल समझा सकते हैं। एक बार पच्चीस पार होने पर आदमी अच्छा बुरा पहचानने लगता है। उसके लिए अलग...