राम चरन भाग निन्यानवे

राम चरन भाग निन्यानवे

“मिलिए! राम चरन!” पंडित कमल किशोर ने आचार्य प्रहलाद का परिचय कराया था। उन्हें अपना वायदा याद था। “और आप हैं – काशी संस्कृत विद्यापीठ के आचार्य प्रहलाद!” तनिक मुसकुराए थे पंडित कमल किशोर। “मेरे सहपाठी हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया...
राम चरन भाग निन्यानवे

राम चरन भाग अट्ठानवे

“सलमा की तरह सुंदरी भी तो सेकिंड हैंड है। महेंद्र की विधवा है। राहगीर राम चरन को पकड़ा था और शादी कर ली। एक बेटा शिव चरन बड़ा हो रहा है तो दूसरा श्याम चरन इज ऑन द वे। और तुम ..? राम चरन ढोलुओं का नौकर!” खाली-खाली निगाहों से खुले आसमान को देखा था –...
राम चरन भाग निन्यानवे

राम चरन भाग सत्तानवे

कुछ याद नहीं था – राम चरन को। न पाकिस्तान का पता था और न हिन्दुस्तान की कोई खबर थी। न वो पहले कुछ था – क्या था – पता नहीं। एक ही पता था – वह जहां संघमित्रा थी। संघमित्रा के लाजवाब अंग विन्यास उसे रह-रह कर याद आ रहे थे। सबसे ज्यादा सुंदर तो उसकी...
राम चरन भाग निन्यानवे

राम चरन भाग छियानबे

पंडित कमल किशोर ने आज बड़े दिनों के बाद अपनी पत्नी – प्राण प्रिया राजेश्वरी के नए उल्लास में डूबे रूप स्वरूप के दर्शन किए थे। पंडित कमल किशोर मुसकुराए थे और गाड़ी में बैठ मंदिर चले गए थे। सुमेद और संघमित्रा अभी तक सो रहे थे। आचार्य प्रहलाद को राजेश्वरी ने चाय का...
राम चरन भाग निन्यानवे

राम चरन भाग पचानवे

सुंदरी आज कल अपनी शोशल मीटिंग्स में ज्यादा व्यस्त हो गई थी अतः राम चरन को भी खुला वक्त मिल गया था। उसका सोच विमोच आजकल खलीफात के निर्माण को ले कर परवान चढ़ता जा रहा था। पटना से लौटने के बाद न जाने क्यों राम चरन की खुशी और उल्लास दो गुना हो गया था। “जनाब!...