राम चरन भाग एक सौ चार

राम चरन भाग एक सौ चार

ढोलू शिव के वार्षिकोत्सव का आज समापन दिवस था। इस बार की पूरी व्यवस्था आचार्य प्रहलाद और पंडित कमल किशोर ने की थी। बीच में दो बार इंद्राणी और कुंवर साहब व्यवस्था देखने आए थे। वो प्रसन्न हो कर लौटे थे। आज भी समापन समारोह की व्यवस्था श्रेष्ठ थी। विशाल शामियाना लगाया गया...
राम चरन भाग एक सौ चार

राम चरन भाग एक सौ तीन

“गुजरात इज द गेटवे फॉर इस्लाम – मेरी ये बात याद रखना महबूब मियां।” राम चरन ने महबूब अली को आगाह करते हुए कहा था। “मैं जानता हूँ कि तुम्हें अभी तक फंड नहीं मिला है। लेकिन इसकी फिकर नहीं। मैं जाते ही फंड खोल दूंगा। पैसा चाहे जितना लो। अपने यंग...
राम चरन भाग एक सौ चार

राम चरन भाग एक सौ दो

गुजरात में आर एस एस के दो लड़कों ने बवाल काटा – अखबार की हैडलाइन पढ़ कर राम चरन सतर्क हुआ था। आर एस एस का मात्र जिक्र सुन कर ही राम चरन डर जाता था। तख्ता पलट – अखबार में आगे लिखा था। सरकार सोती पकड़ी गई और सत्ता चली गई – अखबार बता रहा था। खबर है कि...
राम चरन भाग एक सौ चार

राम चरन भाग एक सौ एक

बलूच वॉज ए हैप्पी गो लक्की मैन। कैरियर के सिवा वो किसी और के बारे में कतई सीरियस न था। “मुझे चीफ तो हर हाल में बनना ही है, यार मुनीर।” वह कहता रहता जबकि हर कोई जानता था कि कोई पागल सरकार ही होगी जो उसे चीफ तैनात करेगी। औरतों के बारे में भी बलूच की राय...
राम चरन भाग एक सौ चार

राम चरन भाग सौ

आज इतवार था। फिर भी राम चरन की नींद जल्दी खुल गई थी। सुंदरी ने तो ग्यारह बजे तक सोना था। भाभी जी की पूजा की जलती अगर बत्तियों की महक आ रही थी। राम चरन को याद था कि उसे आज राम लीला मैदान जाना था। क्रांति वीरों का हिंदू राष्ट्र स्थापित करने का उद्घोष होना था। पूरे...