राम चरन भाग एक सौ उनतालीस

राम चरन भाग एक सौ उनतालीस

“आप के पसंदीदा चॉकलेट भेजे थे, मिल गए न?” जुनैद का अमेरिका से फोन था। “मिल गए!” राम चरन ने उत्तर दिया था। वह जानता था कि भेजे हथियारों की पुष्टि कर रहा था जुनैद। “थैंक्स एनीवे।” राम चरन की आवाज में दंभ था, दर्प था, उल्लास था और था...
राम चरन भाग एक सौ उनतालीस

राम चरन भाग एक सौ अड़तीस

अपने एकांत में प्रसन्न बैठे राम चरन को अचानक निजाम हैदराबाद की सत्ता, शासन और साहस याद हो आए थे। “इनसे मिलिए जनाब।” सज्जाद मियां ने राम चरन का परिचय कराया था। “आप हैं प्रकाश पंडित।” उसने उस धुले मंजे से आदमी से मिलाया था जो कि विद्वान लग रहा...
राम चरन भाग एक सौ उनतालीस

राम चरन भाग एक सौ सैंतीस

मुनीर खान जलाल के दिमाग में एशियाटिक अंपायर का जन्म हो चुका था। अब उसे इस ख्वाब को जमीन पर उतारना था। निविड़ रात्रि के एकांत में, ढोलू शिव के मंदिर के गर्भ गृह में अकेला बैठा राम चरन सामने पसरे दुनिया के नक्शे को गौर से देखे जा रहा था। अरब सागर का अपनी ओर का भूभाग उसे...