बच्चे अब बड़े हो चले थे.. लेकिन परिवार में वही सब नाटक थे.. हाँ! रमेश पहले की तरह से घर में समय न बिता कर.. फैक्ट्री जाने लगा था। पर अब इस फैक्ट्री में जाने का कोई भी फ़ायदा नज़र नहीं आ रहा था.. विनीत सारा बिज़नेस समय रहते टेकओवर कर चुका था.. और रमेश को कम ख़र्चे में जीने की आदत नहीं रही थी.. उसको फैक्ट्री के मालिक के हिसाब का ही सब कुछ होना चाहिये था। बच्चे जवान हो चुके थे.. जिनके आने वाले भविष्य को लेकर घर में किसी भी तरह की चर्चा नहीं थी.. सुनीता को रात और दिन अपने बच्चों के आने वाले भविष्य की चिंता खाए जा रही थी.. हालाँकि एक या दो बार रमेश से चिल्ला कर बोली भी थी..
” रमा तो अपनी लड़कियों की शादी तीस-तीस लगा कर.. कर ही देगी! क्योंकि उन्होनें एकबार मेरे सामने जब पिताजी थे.. बोल रखा है.. हम तो इस परिवार के स्टेटस के हिसाब से एक लड़की की शादी में.. तीस लाख रुपए लगाएंगे! तुम कैसे करोगे..! नेहा की शादी! तुम्हारे पास तो कुछ भी नहीं है!”।
जिस पर रमेश सुनीता के ऊपर टूट कर पड़ता है.. और कहने लगता है..
” अरे! पूरे साठ-लाख रुपए की चोरी कर रखी है.. इसनें साठ-लाख तो बापू के सामने ही बैंक में डाइवर्ट कर लिए थे। अपनी अम्मा सब जानती है! पर वो क्या बोले.. डरा कर जो बिठा रखी है! नेहा की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.. और न ही मुझे चलना सिखाना है.. हम कोई भूखे-नंगे नहीं हैं!”।
रमेश के इस चिल्ला कर बोलने पर अपने ग़ुस्से पर काबू न रखते हुए.. फ़िर एकबार पलट कर बोली थी.. सुनीता..
” ये जो अपनी माँ का दम भरते हो .. न! ये औरत वैसी नहीं है.. जैसी दिखती है. इसका असली चेहरा देखकर पैरों के नीचे से ज़मीन सरक जाएगी.. ये जो बोलती रहती है.. कि तेरे नाम दोनों फैक्ट्री करवा दूँगी! सरासर बेवकूफ़ बनाती है.. कुछ नहीं करवाएगी ये!”।
मेरी माँ है! न! मुझे धोखा देगी! देने दे!
रमेश का सुनीता को जवाब था।
चाह कर भी सुनीता इतने सालों में रमेश की आँखों से उसके परिवार के बनावटी मुखोटे को उतार नहीं पाई थी.. कहीं न कहीं रमेश भी अपने परिवार के साथ लालच में शामिल था.. और ख़ुद से कुछ या अपने बलबूते कुछ अलग करने में असमर्थ था।
खैर! वक्त के और किस्मत के आगे घुटने टेक खामोश हो गई थी.. सुनीता! बस! अब न जाने क्यों एक निराशा लिए और बिना किसी से कुछ भी बोले अपना जीवन जी रही थी..
और एकदिन रात को वक्त ने सुनीता की खामोशी पर दस्तक दी थी..
” रमेश का accident हो गया..!!”।
” क्या..!!”।
आगे का हाल और सुनीता का अपने भविष्य को लेकर एक्टूक फैसला.. अगले खानदान में।