फरीदा क्यों नहीं बोली ?
चार्ज शीट में आपने लिखा है ; –
कि लेफ्टिनेंट कमांडर भारत भूषण -हिन्दुस्तानी जासूस को पाकिस्तान छोड़ कर भागते हुए पीर-फकीर में जब पाकिस्तान के रेंजर – मुस्ताक ने ललकारा तो उस ने अपनी पिस्तौल से वार किया और उसे हलाक कर दिया . तैनात रेंजर प्लाटून के सिपाहियों ने जब उसे पकड़ने की कोशिश की तो उस ने तीन सिपाहियों को हताहत कर दिया और पांच को चोटें पहुंचाई .
कि – पकडे जाने के बाद खुपिया एजेंसी ने पड़ताल की तो पता चला कि भारत भूषण हिन्दुस्तान का एक आला किस्म का जासूस है. इसे हिन्दुस्तान ने एक मुकर्रर मुद्दे के तहत पाकिस्तान में घुसाया था. इस ने फरीदा बेगम से निकाह किया और फारूख बन कर पाकिस्तान को तोड़ने के लिए जाल बिछाया . इस का एक लिंक-मनजीत, जिसे बलूचिस्तान में तैनात किया गया था पकड़ा गया . तारा बाई के कोठे पर मनजीत उर्फ़ मोमिन ने शराब पी कर दंगा किया. इस ने कहा , ‘रंडी ! देखना …तेरा और तेरे इन खसमों का ….क्या हाल होता है …! खंड -खंड ….होगा ….सारा जहां ! और बसेगा बहिस्ते-बलूचिस्तान ….!!”
कि – मनजीत उर्फ़ मोमिन को शक होने पर गिरफदार किया गया था !
कि – मनजीत उर्फ़ मोमिन ने तफतीस के दौरान बताया कि उन का मुद्दा बलूचितान को एक अलग देश बनाना था . जिस का नाम उन्होंने ‘बहिस्ते-बलूचिस्तान’ रखा था . यह एक अंतर रास्ट्रीय और परम गुप्त मुहीम थी . इस के लिए सारी तैयारियां हो चुकी थीं. सिर्फ एक दिन बाकी था …सिर्फ एक दिन !”
कोर्ट रूम में सन्नाटा भरा था . सब लोग बड़े ध्यान से चार्ज शीट को सुन रहे थे . देश-विदेश के पत्रकार, परामर्शदाता और अधिवक्ता उपस्थित थे. एक एक शब्द को बारीकी से पढ़ा जा रहा था . मामला बहुत गंभीर था .
कि – पता चला था – ये जासूस -भारत भूषण आदमी नहीं कोई फ़रिश्ता है ….बहुत बड़ा शैतान है ….जादूगर है …ज़हीन और अव्वल नंबर का आइयाश है ! फरीदा बेगम से तो इस ने महज़ उसे फांसने के लिए निकाह किया था …बाकी तो ….
बात रुक जाती है. सब ने एक साथ फरीदा बेगम को निहारा है . फरीदा बेगम अपने बेटे कोहिनूर के साथ निफराम खड़ी नज़र आती हैं . भारत भूषण ने एक उडती नज़र से फरीदा को देखा भर है . जमा लोग मान जाते हैं कि फरीदा बेगम एक बेजोड़ हुश्न की मालिक हैं !
बाकी तो इस आदमी ने खून के दरिये बहाए हैं ….बम विस्फोट करा कर बेगुनाहों की जाने लीं हैं ….और हर वो मुमकिन कोशिश की है जिस से पाकिस्तान तबाह हो जाए ….और बलूचिस्तान …..
एक आदमी इतना सब कैसे कर पाया ….? आम प्रश्न उठ खड़ा हुआ है !!
यों कि – हमारे पास ठोस सबूत हैं . मनजीत उर्फ़ मोमिन का कहना है कि सात अगस्त को जो धमाका हुआ था उस में इसी का हाथ था . और जो नौ तारीख को तेरह सिपाही हालाक हुए थे – इसी का कारनामा था ! जो बहिस्ते बल्लोचिस्तान का संविधान बना है – वह भी इसी का काम है. इस आदमी ने ….इस जासूस ने गुनाह किए हैं ….ऐसे गुनाह जिन्हें माफ़ नहीं किया जा सकता .
सजाए -मौत ….! फँसी दो इसे ….!! हेंग हिम ….टिल ….दी ….डैथ ….!!! अवाम की आवाज़ आती है .
मेरा एक सवाल – भारत भूषण का कहना है कि …वो उस मंगल की रात को अपने घर पर था . फिर रेंजर्स ने उसे पाकिस्तान में कैसे पा लिया …?
ये झूठ है ….!!
मेरा भी एक सबाल – इस चार्ज शीट पर भारत भूषण के दस्तखत नहीं हैं . ये फर्जी है …..?
ये झूठ है ….!!
मैं पूछना चाहता हूँ कि पाकिस्तान के फौजियों ने क्या बलूचियों के साथ वही सुलूक नहीं किया जो बंगालियों के साथ पूर्वी पाकिस्तान में किया था ?
ये झूठ है !
मैं भी पूछती हूँ , आप से ही नहीं पूरे पाकिस्तान से ! फरीदा क्यों नहीं बोली …..?
ये …………….
“चलिए , लोगो !” वही महिला पत्रकार कहती है . “ये पाकिस्तान है ! यहाँ स्त्रियों और इंसानियत को पनाह नहीं मिलती !!”
एक बारगी भीड़ चल पड़ती है . शांत खड़ा रहता है -चराचर ….!!
…………………
श्रेष्ट साहित्य के लिए – मेजर कृपाल वर्मा साहित्य !!